scriptकोरोना का खतरा- लापरवाही के बीच चौथी लहर की दस्तक | Half a dozen infected have arrived this month,the danger is growing on | Patrika News

कोरोना का खतरा- लापरवाही के बीच चौथी लहर की दस्तक

locationदतियाPublished: May 10, 2022 03:18:54 pm

इसी महीने आ चुके आधा दर्जन संक्रमित, बढ़ सकता है खतरा

corona_4_wave_is_very_powerfull.jpg

दतिया। कोरोना की तीसरी लहर बीत जाने के बाद अब भारत पर भी चौथी लहर के खतरे के बीच मध्यप्रदेश के दतिया में भी चौथी लहर ने दस्तक दे दी है। इस संबंध में जानकारों का मानना है कि इसका मुख्य कारण स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों व लोगों की लापरवाही हो सकता है।

दरअसल कुछ समय पहले भारत में कोरोना का नया वैरिएंट XE भी 2 राज्यों (गुजरात और महाराष्ट्र) में दस्तक दे चुका है। हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में नए कोरोनावायरस संक्रमण के कुछ केस सामने आए हैं। वहीं इन दिनों यह केस लगातार बढ़ने के बाद कई एक्सपर्ट चौथी लहर की आशंका भी जता रहे हैं. चौथी लहर को लेकर IIT कानपुर ने एक स्टडी की थी, जिसमें बताया गया था कि चौथी लहर कब आ सकती है।

IIT कानपुर के विशेषज्ञों की रिसर्च के मुताबिक, भारत में COVID-19 महामारी की संभावित चौथी लहर 22 जून 2022 के आसपास शुरू हो सकती है। इस लहर का पीक अगस्त के आखिरी पर चरम पर हो सकता है।

वहीं वर्तमान में कोरोना की रफ्तार में वृद्धि को चौथी लहर के रूप में देखा जा रहा है। मध्यप्रदेश के केवल दतिया मे ही अब तक एक ही हफ्ते में करीब आधा दर्जन संक्रमित सामने आ चुके हैं। वहीं तय लक्ष्य के एक तिहाई लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं।

ये माने जा रहे हैं कारण
पिछले 2 माह से कोरोना संक्रमण भले ही बेहद कम है। ऐेसे में गलती चाहे जनता की हो या प्रशासन की, लेकिन पिछले एक हफ्ते में आधा दर्जन मरीज संख्या में सामने आ गए। जानकारो के अनुसार इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना संक्रमण की चौथी लहर ने दस्तक दे दी है।

खास बात तो ये है कि संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद भी प्रशासन अब तक नहीं चेता है। यहां तक की प्रदेश मुख्यालय से हर रोज करीब 500 लोगों के सैंपल लेने के निर्देश हैं लेकिन यहां डेढ़ से 200 लोगों के ही सैंपल लिए जा रहे हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है कि जब सैंपलिंग ही नहीं होगी तो संक्रमित कैसे सामने आ पाएंगे, जिसके चलते यह खतरा लगातार बढ़ता रहेगा।
सारे कर्मचारी बुला लिए वापस
कोरोना संक्रमण की पहली दूसरी और तीसरी लहर में प्रशासन ने संक्रमण पर नजर रखने और उन का इलाज करने के लिए अलग से डॉक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को नियुक्त किया था।
सैंपलिंग के लिए अलग से व्यवस्था की थी। फीवर क्लीनिंग पर भी इंतजाम थे, लेकिन अब प्रशासन ने इस ओर से ध्यान हटा सा लिया है। इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि अब स्वास्थ्य विभाग के रुटीन कर्मचारी ही कोरोना पर रख रखे हैं यानि कोरोना के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है।
संक्रमितों में महिलाओं की संख्या ज्यादा
गौर करने लायक बात यह है कि इन दिनों में जो संक्रमित हुए हैं उनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है। 27 अप्रैल को इंदरगढ़ की एक महिला संक्रमित पाई गई। 30 अप्रैल को रिछरा गांव में एक महिला और दिनारा रोड पर 1 पुरुष। 3 मई को बसई क्षेत्र में 1 महिला। 6 मई को बसई क्षेत्र में ही 1 पुरुष। 7 मई को भांडेर क्षेत्र में 1 महिला और 8 मई को बसई क्षेत्र में हिम्मतपुर में ही 1 महिला संक्रमित पाई गई। वर्तमान में तीन एक्टिव केस सामने हैं।
इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि जिले में कोरोना के केस तो बढ़ रहे हैं पर प्रशासन रोकथाम के लिए तैयार नहीं है।

कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के लिए अलग से स्टाफ की कोई व्यवस्था नहीं है। फिर भी सैंपल लिए जा रहे हैं। फीवर क्लीनिकों पर जो लोग आ रहे हैं उनके भी सैंपल लिए जा रहे हैं।
— डॉ आरबी कुरेले, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो