आरोप है कि उन्होंने धारा 144 के लागू रहते हुए चार से ज्यादा लोगों के साथ शहर में प्रवेश किया, जबकि ठाकुर का कहना था कि वे मां के दर्शन करने आए हैं न कि किसी पार्टी का प्रचार-प्रसार करने।निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक ठाकुर दोपहर बाद 3.45 बजे मां पीतांबरा पीठ मंदिर पहुंचे। मंदिर के सामने जैसे ही एक सैकड़ा से ज्यादा बाइक और दो दर्जन चार पहिया वाहनों के साथ रैली के रूप में पहुंचे, देवकीनंदन ठाकुर तो वहां पहले से ही तैयार थे। पुलिस ने उन्हें रोका इस बीच आधा घण्टे तक उनके समर्थकों और पुलिस में नोंकझोंक हुई।
वह दर्शनों के लिए अंदर पहुंचे। यहां करीब आधा घण्टा पूजा-अर्चना करने के बाद बाहर निकले तो मंदिर के मुख्य द्वार पर एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर और पुलिस के साथ विवाद हुआ। एसडीएम का कहना था कि देवकीनंदन ठाकुर ने धारा १४४ का उल्लंघन किया है, जबकि देवकीनंदन का कहना था कि मां के दर्शन करने आना किसी धारा का उल्लंघन नही है। इस बीच समर्थकों ने भी देवकीनंदन को रोके जाने का विरोध किया।
प्रशासन का कहना था कि चार लोगों को ही साथ आने की परमिशन है, जबकि आए सौ से डेढ़ सौ लोग। समर्थक भी इस पर अड़े थे कि हम रहेंगे तो साथ ही। चाहे फिर जेल ही क्यों न जाना पड़े। पुलिस उनके ही वाहन में कोतवाली ले गई और गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को भी हिरासत में लिया।
हालांकि आधा घण्टे के बाद सभी को रिहा कर दिया गया। इस बीच कई बार पुलिस व समर्थकों के बीच झूमाझटकी भी हुई। वाहनों में उन्हें जबरदस्ती ठूंसा भी गया। देवकीनंदन ठाकुर का कहना था कि पुलिस के इस कृत्य की मैं घोर निंदा करता हूं।
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