मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि दतिया और इस अंचल के विकास का रथ रुकेगा नहीं। माई का रथ भी चलेगा और विकास का रथ भी चलेगा, चाराें दिशाओं में विकास हाेगा। उन्होंने कहा कि माई की कृपा से ग्वालियर-दतिया अंचल बहुत जल्दी उद्याेग और राेजगार का केंद्र भी बनने वाला है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने छोटे-छोटे बटुक विद्यार्थी जो संस्कृत का अध्ययन कर रहे हैं, उन्हें छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है। हमने यह भी तय किया है शासन संधारित मंदिरों में सभी पुजारियों को 5 हजार मानदेय दिया जाएगा। भगवान परशुरामजी की जीवनी पाठ्य पुस्तकों में पढ़ाई जाएगी।
कार्यक्रम में गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि परंपरा हमेशा रहती है। पुरी की रथयात्रा की तरह आज मां पीतांबरा की रथयात्रा की शुरुआत भी नई परंपरा को जन्म देगी। इस मौके पर वसुंधराराजे सिंधिया ने कहा कि रथयात्रा की पंरपरा ने माई के इस आयोजन में चार चांद लगा दिए हैं।
रथयात्रा में एक ही रथ में मां पीतांबरा के चित्र के साथ ही स्वामीजी महाराज की छोटी प्रतिमा को भी विराजित कराया गया था। शाम को जैसे ही मां पीतांबरा का रथ पीठ से बाहर निकला, भक्तों ने जोरो से जयकारे लगाने शुरु कर दिए. गेूंजते जयकारों के बीच माई के रथ को उत्तर द्वार से मुख्य द्वार के सामने बने मंच तक लाया गया।