पीतांबरा पीठ के पास एक तरफ सडक़ पर गड्डे ही गड्डे हैं। थोड़ी सी बारिश में गड्डों में पानी भर जाने से सडक़ पर तालाब जैसा नजारा बन जाता है। जलभराव से शहरवासियों के अलावा पीठ पर बाहर से आने वाले श्रद्धालु परेशान होते हैं। अक्सर वाहन चालक गड्डों का अनुमान न होने से गिर जाते हैं और चोटिल हो जाते हैं।कई बार प्रशासन को इस संबंध में दुकानदारों ने अवगत भीकराया मगर जब कोई हल नहीं निकला तो उन्हें प्रदर्शन व आंदोलन का सहारा लेना पड़ा। पिछले दिनों सपाक्स ने भी इन गड्ढों को लेकर प्रदर्शन किया था।
शोरूम के फूट रहे कांच
पीतांबरा पीठ के पहले सडक़ पर बने बड़े – बड़े गड्डों को भरवाने के लिए प्रशासन ने उनमें गिट्टी डलवा दी थी। यह गिट्टी उछल कर सडक़ किनारे स्थित शो रूम के कांचों को क्षतिग्रस्त कर रही है। गिट्टी उछलने से लोग भी चोटिल हो रहे हैं। दुकानदारों के अनुसार सडक़ पर जलभराव से उनकी दुकानों पर ग्राहकी प्रभावित हो रही है।
पीतांबरा पीठ के पहले सडक़ पर बने बड़े – बड़े गड्डों को भरवाने के लिए प्रशासन ने उनमें गिट्टी डलवा दी थी। यह गिट्टी उछल कर सडक़ किनारे स्थित शो रूम के कांचों को क्षतिग्रस्त कर रही है। गिट्टी उछलने से लोग भी चोटिल हो रहे हैं। दुकानदारों के अनुसार सडक़ पर जलभराव से उनकी दुकानों पर ग्राहकी प्रभावित हो रही है।
17 को करेंगे प्रदर्शन सिविल लाइन हाईवे पर बने गड्डों को लेकर लोगों में आक्रोश है। विगत दिनों सपाक्स समाज ने गड्डों के लिए प्रशासन को जगाने के लिए उनकी आरती उतारी थी। सपाक्स समाज के विनय त्रिपाठी ने बताया कि दतिया की आम जनता के साथ १७ सितंबर को सुबह ११ बजे जनसुनवाई के दौरान समस्त जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान प्रशासन से यह भी मांग की जाएगी कि अगर वह सडक़ों के गड्डों नहीं भरवा पा रहा है तो गड्डों में मछली पालन की अनुमति दे दी जाए।