scriptजमीन के रिकॉर्ड में बदल दिए किसानों के नाम | name changed of farmer in record of land | Patrika News

जमीन के रिकॉर्ड में बदल दिए किसानों के नाम

locationदतियाPublished: Mar 14, 2018 11:00:14 pm

Submitted by:

monu sahu

रामस्वरूप की जगह चिन्नू और राम प्रसाद की जगह कर दिया भज्जू

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सतीश उदैनियां

दतिया. जिले के राजस्व अमले की करतूत के चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मैदानी अमले ने जमीन के खसरा खतौनी में खातेदारों का नाम ही बदल डाला रामस्वरूप की जगह चिन्नू लिख दिया वही रामप्रसाद की जगह भज्जू कर दिया जबकि अन्य दस्तावेज में उनके नाम असली है नुकसान यह हो रहा हैं कि न तो उन्हें सूखा ग्रस्त होने का मुआवजा मिल पा रहा हैं और न ही अन्य किसी योजना का लाभ। एक किसान की करीब ३६ बीघा जमीन इस रिकॉर्ड की हेराफेरी के चलते दाव पर लग गई है।
जमीन का रिकॉर्ड रखना पटवारी से लेकर अभिलेखागार की जिम्मेदारी

जब किसी भी किसान की जमीन का नामांतरण या सीमांकन होता है तो पटवारी रिकॉर्ड का निरीक्षण करता है इसके बाद ही रिकॉर्ड में परिर्वतन होता है लेकिन जिले में तमाम मामले ऐसे है जिनमें पटवारियों ने कथित रूप से
लेन देन कर जमीनों के रिकॉर्ड में हेराफेरी कर दी कई किसान
इससे इतने परेशान हैं कि उन्हें सूखाग्रस्त राशि भी नहीं मिल पा रही हैं इतना ही नहीं उनकी जमीन भी नाम बदलने के फेर में हाथ से जाती हुई लग रही है जबकि किसानों के अन्य दस्तावेज जैसे आधार कार्ड बैंक पास बुक
आदि में उनका असली नाम है लेकिन खसरा खतोनी में उनका नाम गड़बड़ है। रामस्वरूप की जगह चिन्नू एवं रामप्रसाद की जगह भज्जू तो केवल एक उदाहरण है अन्य किसानों के साथ भी इस तरह रिकॉर्ड में हेराफेरी हुई है।
केस-१
दतिया ब्लॉक के इमलिया गांव मौजे के किसान रामस्वरूप दांगी के पिता नाथू राम का देहांत करीब ४० वर्ष पहले हो गया था उन्होने अपनी ५.८६ हेक्टेयर जमीन के नामांतरण के अरजी लगाई इस पर मौजे के पटवारी ने उसका नाम रामस्वरूप की जगह चिन्नू कर दिया जबकि रामस्वरूप का अन्य दस्तावेज में यही नाम लिखा है जमीन के रिकॉर्ड में नाम बदल जाने से जमीन का कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है यहां तक की शासन द्वारा हाल ही में स्वीकृत मुआवजा भी नहीं मिल पा रहा है क्योकि किसान के बैंक खाते आधार
केस-२
इमलिया मौजे से ही किसान रामप्रसाद के नाम भी कई बीघा जमीन है उसके जमीन के रिकॉर्ड में भी राम प्रसाद के स्थान पर भज्जू नाम कर दिया गया इससे रिकॉर्ड में तालमेल न होने के कारण बैंक पास बुक और आधार कार्ड एवं खसरा खतोनी में भिन्न नाम दर्ज होने के कारण उसे भी मुआवजा नहीं मिल पा रहा है इतना ही नहीं जमीन का रिकॉर्ड गड़बड़ होने के कारण जमीन सम्बंधी अन्य लाभ नहीं मिल पा रहा है चाहने पर उसे जमीन पर लोन भी नहीं दिया जा सका ।
केस-३
जिगना निवासी किसान प्यारेलाल कि जमीन को पटवारी ने गड़बड़ी करते हुए उसके भाई खलक सिंह के नाम कर दी है प्यारेलाल और खलक सिंह दोनों भाई हंै लेकिन पटवारी ने अनियमितता को अंजाम देते हुए १२ बीघा जमीन खलक सिंह के नाम लिख दी। प्यारेलाल पिछले ५ वर्षों से अपने नाम कराने के लिए पटवारी से लेकर कलेक्टर तक चक्कर लगा रहा है लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिल सकी। अब उसके हाथ पूरी तरह खाली है ।कार्ड आदि में उसका नाम रामस्वरूप है नामों में तालमेल न होने के कारण जमीन का मुआवजा खाते में नहीं पहुंच पा रहा है।
अगर किसानों की जमीन के रिकॉर्ड में किसी तरह की हेराफेरी हुई है तो यह गम्भीर मामला है मामला संज्ञान में आते ही सम्बंधित मामले की जांच की जाएगी।
आशीष कुमार गुप्ता, अपर जिला दण्डाधिकारी
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