जनरेटर में नहीं था डीजल
अस्पताल में लाईट की समस्या होने पर मरीजों की सुविधा के लिए जनरेटर लगा हुआ है। लेकिन रात में आंधी चलने के बाद जैसे ही लाईट गई अस्पताल में लगा जनरेटर मरीजों को राहत नहीं दे पाया। बताया जाता है कि जनरेटर में डीजल न होने की बजह से जनरेटर कुछ देर ही चला। जनरेटर न चलने से प्रसूताओं को खुले में जमीन पर लेटना पड़ा।
जिला अस्पताल की ऐसी स्थिति के चलते जहां क्षेत्र के लोगों में यहां की व्यवस्था को लेकर रोष है। वहीं कुछ मरीजों के परिजनों का तो यह तक कहना है कि सरकार जानबूझकर इस ओर ध्यान नहीं देती है। दूसरी ओर जानकारों का मानना है अस्पतालों की ये स्थिति देख कर लगता है कि सरकार अपने नंबर बढ़ाने के लिए इन्हें बना तो देती है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं देती है।
क्योंकि यदि अस्पताल में जनरेटर था तो वह क्यों नहीं चलाया गया इस पर जो सवाल पैदा होते हैं कि, या तो अस्पताल के कर्मी डीजल का पैसा कहीं और उपयोग में ले लेते हैं या फिर सरकार इनको इसका पैसा ही नहीं देती है। या यदि जनरेटर खराब था तो क्या सरकार उसे ठीक करवाने का पैसा भी देने से इनकार करती है, जो उसे गर्मियां आने से पहले जांच करके ठीक नहीं कराया जा सका। जानकारों का यह भी कहना है कि कारण कोई भी हो इस अव्यवस्था पर जबाव तो सरकार को ही देना होगा।
– डॉ के एम वरुण, आरएमओ