जिले में कोरोना मरीजों की संख्या अभी केवल दो है। फिलहाल आईसोलेशन वार्ड में केवल आधा दर्जन मरीज ही भर्ती हैं । जिला अस्पताल परिसर में फिलहाल 350 बिस्तर हैं। परिसर में कोविड मरीजों के लिए 120 बिस्तर व शेष बिस्तर सामान्य मरीजों के लिए हैं। इनमें सर्जीकल, मेडिकल , मैटरनिटी , हड्डी रोग , दंत व नेत्र विभाग के वार्ड शामिल हैं। हाल ही में प्रदेश मुख्यालय से निर्देश हैं कि कोरोना मरीजों की संख्या देश में लगातार बढ़ रही है। जून या इसके बाद जिले में भी कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। उनके इलाज के लिए जिले में साढ़े सात सौ बिस्तर डालने लायक व्यवस्था होनी चाहिए। इतना ही नहीं इतनी संख्या के लिए मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था भी की जानी है।प्रदेश की गाइडलाइन व निर्देशों के बाद जिला स्तर के अधिकारियों को पसीने आने लगे हैं कि आखिर इतनी जगह कहां से आएगी।
आयुष्मान योजना लायक नहीं निजी अस्पताल
प्रदेश शासन ने ऐसे निजी अस्पतालों को भी कोविड के मरीजों को रखने के लिए चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं जिनमें आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज करने की सुविधा है पर जिले में इस तरह का कोई निजी अस्पताल नहीं है। लिहाजा सरकारी अस्पताल में ही साढ़े सात सौ बिस्तर डालने की चुनौती स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के सामने है। देखना यह है कि साढ़े सात तीन सौ बिस्तर वाले अस्पताल में साढ़े सात सौ बिस्तर कैसे डाले जा सकेंगे।
निर्दे श मिले हैं कि अगले महीने तक साढ़े सात सौ बिस्तर कोरोना संक्रमित या संदिग्धों के लिए तैयार करें। जगह की कमी है पर वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा है।
डॉ.एसएन उदयपुरिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी