परिजनों ने डॉक्टरों पर लड़का छुपाने का आरोप भी लगाया। स्थिति बिगड़ते देख डॉक्टरों को पुलिस को बुलाना पड़ा।
दतिया। जिला महिला चिकित्सालय में बुधवार को एक प्रसूता के परिजनों ने जुड़वां लड़का और लड़की होने और सिर्फ लड़की के जन्म दिए जाने का आरोप लगाते हुए शोर शराबा किया।
परिजनों ने डॉक्टरों पर लड़का छुपाने का आरोप भी लगाया। स्थिति बिगड़ते देख डॉक्टरों को पुलिस को बुलाना पड़ा।
जिला महिला चिकित्सालय में मंगलवार की शाम स्थानीय चूनगर फाटक निवासी दीपक विश्वकर्मा की पत्नी रानी(23) को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। पूरी रात भर्ती रहने के बाद जब प्रसव नहीं हुआ तो बुधवार को डॉक्टरों ने उसकी जांच करने के बाद आपरेशन किए जाने की आवश्यकता बताई।
दोपहर करीब 12 बजे रानी का आपरेशन हुआ। आपरेशन के बाद डॉक्टरों ने रानी की सास कांता को गोद में बच्ची लाकर दी और बताया कि बच्ची हुई है आप इसको लेकर पलंग पर चली जाओ। ऑपरेशन थिएटर से निकलने के बाद जब रानी ने बच्चे के बारे में पूछा तो कांता ने बताया कि लड़की हुई है।
इस पर रानी का कहना था कि लड़की के साथ एक लड़का भी हुआ था और उसने रोने की आवाज भी सुनी थी। रानी के इतना कहते ही कि कांता ने इस बारे में नर्सों एवं डॉक्टरों से बात की उन्होंने सिर्फ बच्ची के जन्म की बात बताई।
इस पर परिजनों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। परिजनों के शोर मचाते ही अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने परिजनों को समझाया कि अगर उन्हें लगता है कि जुड़वां बच्चे हुए हैं तो वह लिखित में आवेदन दें इसकी जांच करा लेंगे।
जानकारी मिलने पर भाजपा मंडल अध्यक्ष गोविंद ज्ञानानी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भी परिजनों को समझाइश दी। वहीं ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर पीपी पाठ्या का कहना है कि बच्ची साढ़े तीन किलो की हुई है। बच्ची का वजन इतना होने से जुड़वां बच्चा हो ही नहीं सकता। अगर बच्चे जुड़वांं होते तो कम वजन वाले और कमजोर होते।