उल्लेखनीय है कि भारत – चीन युद्ध के समय पूज्यपाद स्वामी जी महाराज ने राष्ट्र रक्षा अनुष्ठान किया था। इस अनुष्ठान में मां धूमावती का आह्वान किया था। चीन युद्ध के बाद स्वामी जी महाराज ने ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी संवत २०३५(१३ जून १९७८)को धूमावती माई की स्थापना कराईथी। स्थापना के एक वर्ष बाद ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी को ही(०३जून१९७९)को स्वामी जी महाराज ने समाधि ले ली थी। महाराज के समाधिष्ठ होने के बाद हर साल सुबह स्वामी जी महाराज का निर्वाण दिवस मनाया जाता है और शाम को स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में धूमावती माई का अभिषेक होता है। पीठ के मैनेजर महेश दुबे ने बताया कि इस बार लॉक डाउन की बजह से आमजन आयोजन में शामिल नहीं हो सकेंगे। लेकिन आयोजन परंपरा अनुसार ही मनाया जाएगा।
आराधना क्रम एक घंटे का
उन्होने बताया कि परंपरा अनुसार स्वामी जी महाराज के प्रतीक के रूप में स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ मंदसौर का पूजन होगा। आराधना क्रम सुबह ११ बजे से शुरू होकर एक घंटे तक चलेगा। इस बार भंडारा न होने की बजह से सिर्फ प्रसाद वितरण होगा। रात में नौ बजे से धूमावती माई का अभिषेक होगा।
उन्होने बताया कि परंपरा अनुसार स्वामी जी महाराज के प्रतीक के रूप में स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ मंदसौर का पूजन होगा। आराधना क्रम सुबह ११ बजे से शुरू होकर एक घंटे तक चलेगा। इस बार भंडारा न होने की बजह से सिर्फ प्रसाद वितरण होगा। रात में नौ बजे से धूमावती माई का अभिषेक होगा।