ग्वालियर-झांसी हाइवे पर घूमने वाला बेसहारा गोवंश एक बहुत बड़ी समस्या है। गोवंश की वजह से आए दिन हादसे होते हैं। इन हादसों में कई लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले दिनों ही सोनागिर तिराहा के पास एक गाय से टकराने के बाद ठेकेदार की मौत हो गई थी। वाहन चालक स्पीड में होने की वजह से सडक़ पर घूमने और बैठे रहने वाले गोवंश को टक्कर मार देते हैं और भाग जाते हैं। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात ग्राम सीतापुर के पास हाइवे पर किसी अज्ञात वाहन ने गायों में टक्कर मार दी। टक्कर से चार गायों की मौत हो गई। सुबह जब गांव के युवाओं और गोसेवकों के दल ने गायों के शव को हाइवे पर पड़ा देखा तो आक्रोशित हो गए और सीतापुर गांव की मोड़ पर जाम कर दिया।
दो घंटे तक तीन किमी थमे रहे पहिए गोसेवकों एवं ग्रामीणों द्वारा हाइवे पर चक्काजाम सुबह करीब 9.30 बजे किया गया। जाम की सूचना मिलते ही दतिया और गोराघाट से पुलिस मौके पर पहुंच गई और जाम को खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण जाम खोलने पर राजी नहीं हुए। ग्रामीण अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े थे। हाइवे पर करीब दो घंटे तक चक्काजाम रहने के कारण वाहनों की लंबी कतार लग गई। हाइवे पर आने-जाने वाले रास्ते पर दोनों ओर करीब डेढ़-डेढ़ किलोमीटर यानि करीब तीन किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। जाम में फंस जाने के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इन मांगों पर चक्काजाम गोसेवकों की मांग थी कि प्रशासन गायों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करे। जिले में संचालित गोशालाओं की विधिवत मॉनिटरिंग हो और गोशालाओं में रह रहीं गायों की बेहतर देखभाल हो। जाम लगाने वालों में युवाओं की संख्या अधिक रही। युवा गोसेवकों एवं ग्रामीणों द्वारा जाम लगाए जाने के बाद पहले तो पुलिस ने अपने स्तर पर जाम खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन वे प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। बाद में एसडीएम अशोक सिंह चौहान मौके पर पहुंचे। उन्होंने जाम लगा रहे युवाओं से चर्चा की तथा उनकी मांगों का निराकरण करने का आश्वासन दिया। आश्वासन मिलने के बाद करीब दो घंटे बाद जाम खुला।