scriptजून माह का दाल-चावल गरीबों तक नहीं पहुंचा | Pulses and rice of June did not reach the poor | Patrika News

जून माह का दाल-चावल गरीबों तक नहीं पहुंचा

locationदतियाPublished: Aug 06, 2020 11:35:39 pm

परेशानी: दो विभागों की रस्साकसी के चलते
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 परेशानी: दो विभागों की रस्साकसी के चलते  Pulses and rice of June did not reach the poor, news in hindi, mp news, datia news

जून माह का दाल-चावल गरीबों तक नहीं पहुंचा

दतिया. केन्द्र सरकार ने भले ही कोरोना काल में गरीबों को दाल चावल मुहैया कराने के लिए गोदामों तक तो भेज दिया हो पर नागरिक आपूर्ति निगम, सहकारिता व खाद्य विभाग की रस्साकसी के चलते गरीबों तक ये नहीं पहुंच सके हैं। लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जुलाई अगस्त तक कई जरूरतमंदों को मई व जून का भी दाल-चावल नहीं मिल सका।
प्रधानमंत्री खाद्य वितरण योजना के तहत कोरोना काल में गरीब परिवारों को प्रति परिवार के मान से दस किलो चावल व एक किलो दाल देने का प्रावधान किया गया था ताकि उन्हें इस परेशानी भरे वक्त में राहत मिल सके पर देखा जा रहा है कि खाद्य विभाग , सहकारिता व नागरिक आपूर्ति निगम के अफसरों की रस्साकसी के चलते सैकड़ों क्ंिवटल चावल गरीबों को नही मिल सका। हालात यह हैं कि जून में जिले के एक लाख चार हजार राशनकार्ड धारियों को आवंटित तो हुआ था दो हजार चार सौ 82 टन चावल पर इसमें से केवल दो हजार एक सौ 34 टन ही बांटा जा सका । बाकी या तो गोदामों से उठ ही नहीं सका और उठ गया तो उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच सका।
तीन महीने से रुकी है दाल
अरहर की दाल के मामले में तो और भी अनियिमितताएं सामने आ रही हैं। हरेक परिवार को हर माह एक-एक किलो दाल मुफ्त में बांटी जानी थी । इससे भी हजारों परिवार वंचित रह गए। आंकड़ों पर गौर करें तो पाते हैं कि मई में जिले के गरीबों को 101 टन दाल आवंटित हुई थी। इसमें से 100 टन का उठाव हो सका। जून में 101 में से केवल 96 टन का उठाव हो सका जबकि जुलाई की दाल तो नान ने इतनी देर में दी कि अब तक 20 दुकानों तक तो पहुंची ही नहीं। इस बारे में प्रभारी आपूर्ति अधिकारी पीएन वर्मा का कहना है कि जून माह में गड़बड़ी हुई थी। उसका आवंटन माइनस कर दिया जा रहा है।
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