दो दिन पहले ही रेलवे स्टेशन पर यूरिया की रैक आई थी। इसमें करीब एक हजार दो सौ टन खाद जिले के किसानों के लिए आई है पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने स्टॉक का न तो सत्यापन हो सका और न ही यह साफ हो सका कि सरकारी गोदामों में कितनी खाद भेजी जानी है व निजी डीलरों को कितनी थाद देनी है। नतीजा यह है कि इस फेर में जिले के सैकड़ों किसानों को यूरिया से वंचित रहना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि हाल ही में रेलवे स्टेशन पर एक हजार दो सौ टन यूरिया जिले के किसानों को आई पर किस ब्लाक को कितनी खाद दी जानी है। निजी व सरकारी गोदामों में कितनी खाद पहुंचनी है यह तय नहीं किया जा सका। हैरानी की बात तो यह है कि कृषि विभाग सहकारी समितियों पर खाद नहीं भेज रहा ।
इनका है कहना यूरिया खाद लेने के लिए दतिया गया था पर खाद नहीं मिली। सहकारी समितियों में तो खाद है ही नहीं ।
ग्यासी किसान उदगवां सहकारी समितियों पर खाद तो बिल्कुल भी नहीं मिल रही। परेशान होकर शहरों की ओर भागना पड़ रहा है। यहां भी निराशा हाथ लग रही है।
विजय, किसान, नंदपुर
ग्यासी किसान उदगवां सहकारी समितियों पर खाद तो बिल्कुल भी नहीं मिल रही। परेशान होकर शहरों की ओर भागना पड़ रहा है। यहां भी निराशा हाथ लग रही है।
विजय, किसान, नंदपुर
रैक आ गई है जल्द ही किसानों को खाद मुहैया हो जाएगी । सहकारी समितियों को भी खाद भेजी जा रही है। किसी को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
देवेंद्र सिंह राजपूत, एएसडीओ
देवेंद्र सिंह राजपूत, एएसडीओ