हर रोज गुजरते हैं यहां से हजारों यात्री
दतिया रेलवे स्टेशन पर हर रोज करीब दो दर्जन गाडिय़ां गुजरती हैं।अप व डाउन ट्रेक पर पर चलने वाली गाडिय़ों में आने व जाने वाले यात्रियों की संख्या हजारों में होती है। खास तौर से जब कोई गाड़ी प्लेटफार्म पर आती है तो ऑटो चालक तेजी से सवारियों की ओर लपकते हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द व ज्यादा सवारी मिल सकें और वे बाजार की ओर लेकर जा सकें। इसी मकसद को लेकर शासकीय रेलवे पुलिस ने यहां कैमरे लगाने की कार्ययोजना बनाई थी। हैरानी की बात यह है कि प्लेटफॉर्म नंबर दो व तीन पर कैमरे नहीं लगाए गए । जबकि अगर कुछ कैमरे यहां लगा दिए जाते तो प्लेटफॉर्म नंबर दो तीन की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकती थी।
इसलिए है ये इलाका अहम
झांसी व ग्वालियर की अप व डाउन लाइन पर करीब सवा सौ गाडिय़ां निकलती हैं। इसके चलते अधिकतर उक्त क्रासिंग बंद रहती है। इसीलिए जितने भी आटो चालक हैं वे प्लेटफॉर्म नंबर दो की ओर यानी अप ट्रेक पर ही यात्रियों को लेकर पहुंचते हैं। प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर से ही रेलवे बिज्र की शुरूआत होती है। यात्रियों को वे ऑटो चालक यहीं से लेते हैं व छोड़ते हंैं। कई बार यहां यात्रियों के साथ बदतमीजी व छीना झपटी की वारदात हो चुकी हैं। लिहाजा यहां कैमरों से नजर रखी जाना जरूरी है।
स्टैंड से हटकर भी ले जाते हैं सवारियां
प्लेटफॉर्म नंबर दो की तरफ चूकि रेलवे क्रासिंग नहीं है। लिहाजा अधिकतर यात्रा चाहे वे ग्वालियर की ओर जा रहे हों या फि झांसी की ओर सभी इसी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। कई बार तो देखा गया है कि अगर अप ट्रैक की कोई गाड़ी रुकी तो ऑटो चालक रात के सन्नाटे में भी महिला यात्रियों को ट्रेन के अगले व पिछले हिस्सों की ओर से ही यात्रियों को वाहनों में बैठा लेते हैं। यात्रियों के पास कोई विकल्प नहीं है।
आते ही लगवा दिए जाएंगे कैमरे
दतिया रेलवे स्टेशन के लिए कुछ कैमरे तो आ चुके हैं। कुछ और आना बाकी है। जीआरपी मुख्यालय से कैमरे आते ही प्लेटफॉर्म नंबर दो व तीन पर लगवा दिए जाएंगे।
एमके नाहर, डीएसपी, रेलवे पुलिस