ये है नियम
नई खनिज नीति में रेत भंडारण के नियम भी बदले थे। इसमें प्रावधान किया गया है कि नदी से चार किलोमीटर तक की दूरी तक कोई डंप नहीं किया जाएगा। इससे या ज्यादा दूरी होने पर ही रेत को इकट्ठा नहीं किया जा सके गा। इसके बाद खुले में इसकी बिक्री की जा सकेगी। पर देखा जा सकता है कि सिंध नदी से लगे इलाकों में रेत का अवैध भंडारण लगभग र हर पंचायत में किया जा रहा है। गुरुवार को पत्रिका टीम ने मौके पर जाकर देखा तो सिंध नदी के आसपास तमाम ऐसे स्थल हैं जिनमें रेत डंप की जा रही है। खासतौर पर सरकारी भवनों में भी लोग रेत का भंडारण कर रहे हैं।
नई खनिज नीति में रेत भंडारण के नियम भी बदले थे। इसमें प्रावधान किया गया है कि नदी से चार किलोमीटर तक की दूरी तक कोई डंप नहीं किया जाएगा। इससे या ज्यादा दूरी होने पर ही रेत को इकट्ठा नहीं किया जा सके गा। इसके बाद खुले में इसकी बिक्री की जा सकेगी। पर देखा जा सकता है कि सिंध नदी से लगे इलाकों में रेत का अवैध भंडारण लगभग र हर पंचायत में किया जा रहा है। गुरुवार को पत्रिका टीम ने मौके पर जाकर देखा तो सिंध नदी के आसपास तमाम ऐसे स्थल हैं जिनमें रेत डंप की जा रही है। खासतौर पर सरकारी भवनों में भी लोग रेत का भंडारण कर रहे हैं।
प्रतिबंध होने के बाद भी चल रहा कारोबार हाल ही में जिला प्रशासन व खनिज विभाग ने नदियों से रेत के उत्खनन पर रोक लगा दी थी। जो कि 30 सितंबर तक जारी रहेगी। इसके बाद भी नदियों से रेत निकाली जा रही है और रेत डंप की जा रही है। इतना ही नहीं पहले से ही डंप रेत को ऊंचे दामों पर बेच कर लोगों की जेबें खाली की जा रही हैं।
बडोनी के उप स्वास्थ्य केंद्र परिसर में रेत डंप
पत्रिका टीम जब गुरुवार को बड़ोनी पहुंची तो पाया कि बिल्हारी के उपस्वास्थ्य स्वास्थ्य केन्द्र परिसर मे ही रेत को डंप कर रखा है। जबकि फिलहाल यहां कोई निर्माण कार्य नहीं चल रहा है। इतना ही नहीं यहां अन्य सरकारी भवनों में रेत का अवैध भंडारण है। जिसे ट्रेक्टर-ट्राली के माध्यम से बाजार में ऊंचे भावों में बेचा जा रहा है।
पत्रिका टीम जब गुरुवार को बड़ोनी पहुंची तो पाया कि बिल्हारी के उपस्वास्थ्य स्वास्थ्य केन्द्र परिसर मे ही रेत को डंप कर रखा है। जबकि फिलहाल यहां कोई निर्माण कार्य नहीं चल रहा है। इतना ही नहीं यहां अन्य सरकारी भवनों में रेत का अवैध भंडारण है। जिसे ट्रेक्टर-ट्राली के माध्यम से बाजार में ऊंचे भावों में बेचा जा रहा है।