वन परिक्षेत्र अधिकारी चन्द्रशेखर श्रोतिय ने वन संरक्षक ग्वालियर को भेजे गए अपने त्यागपत्र में लिखा है कि मुझे विभाग में कार्य करने के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग न होकर मानसिक प्रताडऩा का शिकार होना पड़ रहा है। मेरी मानसिक स्थिति ठीक न होकर मेरी जान को खतरा है तथा मेरा त्यागपत्र शीघ्र स्वीकृत कर मुझे शासकीय सेवा से मुक्त करने की कृपा करें। अन्यथा की स्थिति में मेरी जान पर किसी भी प्रकार की जोखिम होने पर विभाग जिम्मेदार होगा।
वरिष्ठ अधिकारी नहीं दे रहे सहयोग वन परिक्षेत्र अधिकारी ने पत्र के माध्यम से बताया कि उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सहयोग नहीं दिया जा रहा है। पुलिस एवं राजस्व विभाग से भी सहयोग नहीं मिलता है। श्रोतिय ने बताया कि मेरे दो वर्ष के कार्यकाल में मैंने पूरी ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए रेत, बोल्डर के ट्रैक्टर पकड़कर वाहनों को राजसात की कार्रवाई प्रस्तावित की है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा झूठी कार्रवाई कर मेरे एवं मेरे स्टाफ के ऊपर लाखों रुपए की वसूली निकाल दी गई है। श्रोतिय ने आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर त्यागपत्र स्वीकृत करने की मांग की है।
चन्द्रेशखर श्रोतिय, वन परिक्षेत्र अधिकारी, सेंवढ़ा
मेरी जानकारी में पहली बार आपके माध्यम से यह मामला आया है कि पुलिस वन विभाग को सहयोग नहीं कर रही। एक शासकीय कर्मचारी दूसरे शासकीय कर्मचारी को पूरा सहयोग करता है। उन्होने जब भी मौखिक या लिखित रूप से पुलिस सहायता मांगी उन्हें पुलिस बल उपलब्ध कराया गया। आरोप गलत है।
उपेंद्र दीक्षित एसडीओपी सेंवढ़ा