scriptमंदिरों में छाया रहा सन्नाटा, घरों में मनाई खुशियां | Silence prevails in temples, happiness celebrated in homes | Patrika News

मंदिरों में छाया रहा सन्नाटा, घरों में मनाई खुशियां

locationदतियाPublished: Apr 21, 2021 11:38:28 pm

मंदिरों में मनाया जन्मोत्सव

मंदिरों में छाया रहा सन्नाटा, घरों में मनाई खुशियां

रामलला मंदिर पर रामनवमी के अवसर पर लगा ताला।

दतिया. बुधवार को रामनवमी के अवसर मंदिरों में सन्नाटा पसरा रहा। पिछले सालों तक जहां रामनवमी के अवसर पर मंदिरों में भए प्रकट कृपाला, दीनदयाला कौशल्या हितकारी से गूंजते थे, वहीं इस बार भक्तों की गैर मौजूदगी में मंदिरों में जन्मोत्सव मनाया गया। बुधवार को रामलला मंदिर असनई, विजय राघव मंदिर, ठंडेश्वरी मंदिर, अटल बिहारी सहित अन्य मंदिरों पर सुबह से शाम तक सन्नाटा छाया रहा। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा धार्मिक स्थलों पर अधिकतम पांच लोगों की अनुमति दी गई है। मंदिरों पर सिर्फ पांच लोगों की अनुमति होने की वजह से इस बार किसी भी मंदिर पर महोत्सव का आयोजन नहीं हुआ। मंदिरों में सिर्फ पुजारियों ने जन्मोत्सव की विशेष आरती की और भगवान को भोग लगाया। मंदिरों में श्रीरामनवमी के अवसर पर सन्नाटा पसरा होने की वजह से लोगों ने घरों में ही श्रीराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया। श्रीराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में लोगों ने घरों में विशेष पूजा व आरती की, जिनके घरों में भगवान श्रीराम की मूर्तियां हैं उनका विशेष शृंगार किया।

मंदिर जाने वालों को भेजा जेल


बुधवार को रामनवमी के अवसर पर मंदिर जाने वालों को बग्गीखाना में बनाई गई अस्थाई जेल की हवा खाना पड़ी। उल्लेखनीय है कि लोगों से कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए घरों में रहने के निर्देश प्रशासन ने दिए हैं। इसके बावजूद बुधवार को कुछ लोग मंदिर जाने के लिए निकले। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों ने पूछताछ की तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

नहीं हुए कन्याभोज


रामनवमी के अवसर पर बुधवार को होने वाले कन्याभोज भी स्थगित रहे। उल्लेखनीय है कि रामनवमी के अवसर पर लोग घरों व मंदिरों में कन्याभोज कराते हैं और भंडारों का आयोजन होता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से कन्याभोज व भंडारे स्थगित रहे।
कन्याभोज का बदला तरीका
कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार कन्याभोज का तरीका बदल गया। अभी तक लोग अपने घरों में कन्याओं को भोजन कराने के साथ दक्षिणा देते थे, लेकिन इस बार लोगों ने कन्याओं को पैक सामग्री जैसे बिस्किट, कुरकुरे, चिप्स व दक्षिणा प्रदान की।

माता को अर्पित किए जवारे


नौ दिवसीय नवरात्र महोत्सव का बुधवार को समापन हो गया। नौ दिवसीय नवरात्र के समापन अवसर पर भक्तों द्वारा घरों में बोए गए जवारे माता को अर्पित किए। माता को जवारे अर्पित करने के बाद तालाब व नदियों में विसर्जित किए गए। उल्लेखनीय है कि नौ दिन तक व्रत रखने वाले श्रद्धालु जवारों के दर्शन करने के बाद ही अपना व्रत खोलते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से बहुत कम लोगों ने अपने घरों में जवारे बोए थे। जवारे विसर्जन के लिए महिलाएं सिर पर खप्पर रखकर भजन गाते हुए मंदिर जाती हैं और पूजा-अर्चना के पश्चात माता को जवारे अर्पित किए जाते हैं। इस बार कम ही लोगों द्वारा जवारे बोए जाने के कारण सड़कों पर जवारों के इक्का-दुक्का घट ही नजर आए।
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