जिले में हर रोज औसतन एक मौत होती ही है। इसमें हत्या, आत्महत्या, दहेज हत्या, आगजनी, पानी में डूबने के मामले शामिल हैं। मौत की जांच के लिए पुलिस शव का बिसरा फॉरेंसिक लैब भेजती है। ताकि वहां मौत की असली वजह पता चल सके। अभी तक स्थिति यह है कि मृतक का बिसरा दो आरक्षक ही लेकर जाता है और लैब में जांच में कई दिन से लेकर महीने तक लग जाते हैं। लैब में रिपोर्ट तैयार होने के बाद भी संबंधित विवेचक तक रिपोर्ट पहुंचने में लंबा वक्त लग जाता है। इससे विवेचक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाता और संदिग्ध मौतों के मामलों में नतीजे जल्दी नहीं आ पाते।
इससे एक ओर तो अपराधी अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं तो दूसरी ओर पुलिस की छानबीन पर सवालिया निशान लगते हैं। लेकिन २६ जनवरी से इस मामले में नई प्रक्रिया शुरू होने वाली है। ग्वालियर और सागर स्थित फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में मृतक के बिसरा तो पूर्वकी तरह ही जाएंगे लेकिन इसकी रिपोर्ट तत्काल ही ऑनलाइन कर दी जाएगी। यह रिपोर्ट जिले के पुलिस अधीक्षक, संबंधित न्यायालय और एफ एस एल अधिकारी देख सकेंगे। अभी तक फोरेंसिक लैब से जांच रिपोर्ट तैयार होती है वह आरक्षक के माध्यम से ही संबंधित विवेचक के पास आती है। इसमें लेटलतीफी व गड़बड़ी होने की भी आशंका रहती है। कई बार विवेचक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों एवं न्यायालय को भ्रमित कर देते हैं।
हर रोज एक मौत
जिले के हालात पर नजर डालें तो हर रोज औसतन एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत होती है। इसमें हत्या, आत्महत्या से लेकर अन्य कारणों से मौत हो जाती है। इसकी जांच के लिए एफ एस एल टीम मौके पर पहुंचती है। मृतक के पोस्टमार्टम के साथ – साथ उसका बिसरा इक_ा कर फोरेंसिक लैब भेजा जाता है।
जिले के हालात पर नजर डालें तो हर रोज औसतन एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत होती है। इसमें हत्या, आत्महत्या से लेकर अन्य कारणों से मौत हो जाती है। इसकी जांच के लिए एफ एस एल टीम मौके पर पहुंचती है। मृतक के पोस्टमार्टम के साथ – साथ उसका बिसरा इक_ा कर फोरेंसिक लैब भेजा जाता है।
रहेगी पारदर्शिता
26 जनवरी से ई फोरेंसिक के तहत जांच रिपोर्ट ऑन लाइन कर दी जाएगी। इससे पुलिस, न्यायालय एवं जांच अधिकारियों को सुविधा रहेगी और जांच में पारदर्शिता भी दिखेगी।
एस पी शर्मा, संयुक्त संचालक फोरेंसिक प्रयोगशाला
26 जनवरी से ई फोरेंसिक के तहत जांच रिपोर्ट ऑन लाइन कर दी जाएगी। इससे पुलिस, न्यायालय एवं जांच अधिकारियों को सुविधा रहेगी और जांच में पारदर्शिता भी दिखेगी।
एस पी शर्मा, संयुक्त संचालक फोरेंसिक प्रयोगशाला
निर्देश प्राप्त हुए हैं कि २६ जनवरी से ई फोरेंसिक के तहत जांच रिपोर्ट ऑनलाइन कर दी जाएगी। इससे विवेचकों को आसानी रहेगी
डॉ सतीश मान, एफएसएल अधिकारी
डॉ सतीश मान, एफएसएल अधिकारी