– मजदूरों के लिए शुरू किया आश्रय स्थल, समासेवियों के सहयोग से करवाया भोजन
VIDEO : भूखे-प्यासे मजदूरों को भोजन और आश्रय मिला तो बोले ‘धन्यवाद पत्रिका’
दतिया. पत्रिका द्वारा महामारी से महामुकाबला करने प्रवासी श्रमिकों के लिए मेरा श्रम, मेरा मान कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। शनिवार से श्रमिक दिवस पर प्रवासी मजदूरों के लिए इस अभियान के तहत आश्रय स्थल की शुरुआत हुई। बस स्टैंड के सामने नगरपालिका के रैन बसेरे को प्रवासी श्रमिकों को आश्रय स्थल के रूप में चुना गया है। रैन बसेरे में रुकने वाले प्रवासी मजदूरों को समाजसेवियों के सहयोग से आवश्यक संसाधन व भोजन उपलब्ध कराया गया। यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी।
पत्रिका द्वारा की गई इस पहल की मजदूरों ने प्रशंसा की और पत्रिका को धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ मजदूरों की सुध लेने पर आभार माना। पत्रिका की इस पहल का समर्थन करते हुए मुख्य नगर पालिका अधिकारी ए के दुबे ने सहयोग किया। उन्होने रैन बसेरे में मजदूरों को भोजन व अन्य संसाधन उपलब्ध कराने की अपनी सहमति दी। मुख्य नगरपालिका द्वारा मजदूरों को रैन बसेरे में भोजन आदि की व्यवस्था आदि की सहमति दिए जाने के बाद शनिवार को बाबा धर्मदास साहिब गुरुद्वारा सेवा समिति के सदस्यों ने पत्रिका की इस पहल में भागीदार बनते हुए मजदूरों को भोजन कराने को बीड़ा उठाया। पहले दिन समिति के वरिष्ठ सदस्य धर्मदास भंबानी के मार्गदर्शन में युवाओं ने भोजन के तैयार पैकेट और प्रवासी मजदूरों के लिए पानी की व्यवस्था की। रैन बसेरे में रुके मजदूरों को तैयार भोजन और पानी की बोतलों का वितरण किया गया। इस अवसर पर दीपक भंबानी, क्रिश भंबानी, पुनीत टिलवानी, मोहित टिलवानी, ऋतिक सेन(रानू) आदि मौजूद रहे। इस दौरान समिति के सदस्यों के साथ श्रमिकों ने पत्रिका की इस पहल का स्वागत किया।
हमें रुकने की जगह भी मिली और साथ में खाने और पानी का प्रबंध पत्रिका ने किया। इसके लिए पत्रिका को धन्यवाद। राजू, श्रमिक हम बाहर से दतिया आए थे और रुकने के लिए परेशान हो रहे थे। हमें लहार जाना था। जानकारी मिलने पर हम रैन बसेरे में आए तो हमें रुकने के साथ भोजन – पानी भी मिला। संजू कुमार, श्रमिक पत्रिका ने यह सराहनीय पहल शुरू की है। लोगों को प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। बाबा धर्मदास साहिब गुरूद्वारा सेवा समिति को सेवा का मौका मिला यह हमारा सौभाग्य है। धर्मदास भंबानी