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धर्म का मार्ग और पुण्य संचय का साधन कभी नहीं छोडऩा चाहिए:मुनि

locationदतियाPublished: Feb 23, 2023 11:50:55 am

Submitted by:

Avinash Khare

मुनि विनय सागर महाराज के सानिध्य में सिद्धचक्र महामंडल विधान 28 से

 

धर्म का मार्ग और पुण्य संचय का साधन कभी नहीं छोडऩा चाहिए:मुनि
धर्म का मार्ग और पुण्य संचय का साधन कभी नहीं छोडऩा चाहिए:मुनि
धर्म का मार्ग और पुण्य संचय का साधन कभी नहीं छोडऩा चाहिए:मुनि
दतिया। धर्म का मार्ग और पुण्य संचय का साधन कभी नहीं छोडऩा चाहिए। मनुष्य के जीवन की नैया पार इन्हीं दोनो मार्गो के माध्यम से होनी चाहिए। धर्म का मार्ग और पुण्य संचय का साधन दोनो एक दूसरे के पूरक है। क्योंकि जो व्यक्ति धर्म के मार्ग पर चलेगा वही पुण्य कर्म करेगा। उक्त विचार मुनि विनय सागर महाराज ने बुधवार को सिद्धक्षेत्र सोनागिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान मुनि ध्याननंद सागर महाराज भी मौजूद रहे।
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