खाद्य विभाग व नागरिक आपूर्ति निगम ने व्यवस्था बनाई है कि जिले व जिले के बाहर से आने वाले गेहूं को कांटे पर तौलकर उसे रैक में भरवाकर बाहर भेजा जाए। इसके लिए रेलवे स्टेशन पर तौल कांटा लगाया गया है। कांटे पर गेहूं को तौलने के बाद गेहूं को रैक में लोड कराना होता है। इसके लिए श्रमिकों की व्यवस्था की गई है। तौल कांटों पर तुलाई में काफी वक्त लग जाने के कारण लंबी-लंबी दूरी से आने वाली गेहूं से भरे वाहन । इनमें ट्रेक्टर-ट्राली, मेटाडोर व अन्य वाहन भी हैं।
विभागों ने यह व्यवस्था नहीं कि आने वाले वाहन खड़े कहां होंगे।यही वजह है कि चालकों ने माल से भरे वाहन रेलवे ओवर ब्रिज व स्टेशन के बीच बनी मुख्य सडक़ पर खड़ा कर दिए हैं। सैकडों वाहन पिछले दो दिनों से मुख्य सडक़ पर ही रखे हुए हैं । तुलाई के इंतजार में वे कहीं जा भी नहीं सकते। ऐसे में उन यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो कि स्टेशन से शहर की ओर या शहर से स्टेशन की ओर जा रहे हैं । यात्रियों के वाहनों को या तो धूल भरे रास्ते से जाना पड़ रहा है या फिर उन्हें वापस आरओबी से होकर दूसरी तरफ से जाना पड़ रहा है।
ओवरलोड वाहन गिरा , कार क्षतिग्रस्त
रेलवे स्टेशन पर बने तौल कांटे पर आने वाले अधिकतर वाहनों में क्षमता से ज्यादा गेहूं भरा रहता है। सडक़ पर इनके पलटने की आशंका बनी ही रहती है। कुछ दिन पहले गेहुओं से भरी ओवरलोड ट्रेक्टर-ट्राली ठेकेदार की कार पर गिर पड़ी। इससे वह क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत यह रही कि कार मालिक व चालक कुछ ही देर पहले उसमें से उतरकर बाहर निकल गए थे। जिससे जनहानि होने से बच गई। इतना ही नहीं ट्रेक्टर-ट्राली को क्षमता से ज्यादा ले जाने की अनुमति नहीं होती फिर भी वाहनों में ज्यादा माल भरा होने के कारण दिक्कतें आ रही हैं।
तौल में देरी तो ही जाती है। ऐसे में वाहन चालकों को वाहन एक तरफ लगा देना चाहिए पर वे नहीं लगाते। इससे आए दिन हादसे हो रहे हैं।
विनोद जैन, ठेकेदार मैं अभी अवकाश पर हूं पर अगर ट्रेक्टर-ट्राली सडक़ पर लगे हुए हैं और यात्रियों को दिक्कत हो रही है तो कि सी जिम्मेदार को बोलकर कार्रवाई कराता हूं ।
गजेन्द्र के न, यातायात प्रभारी