देश में कोरोना के साथ-साथ अब ब्लैक फंगस ने भी दस्तक दे दी है। अब तक विभिन्न राज्यों में हजारों मरीज सामने आ चुके हैं। लो इम्युनिटी व कोरोना से जूझ चुके लोगों में तेजी से फैलने वाले इस रोग के मरीज भले ही जिले में सामने नहीं आए हैं पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। फंगस से जंग के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। विभाग ने चार विभागों के डॉक्टरों की एक टीम तैयार कर दी है। चूंकि रोग आंखों से भी फै लता है लिहाजा टीम में एक नेत्र रोग, सर्जरी, मेडिसिन व नाक कान व गला रोग विशेषज्ञ को शामिल किया गया है। जरूरत पडऩे पर टीम सक्रिय हो जाएगी और मरीज का इलाज हो सकेगा। चूंकि यह रोग संक्रामक नहीं है। एक से दूसरे मरीज में नहीं फैलता लिहाजा इसके लिए अलग से कोई वार्ड बनाने की जरूरत नहीं है।
क्या हैं इस रोग के लक्षण
जिला चिकित्सालय में पदस्थ मेडिसिन रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएन शाक्य का कहना है कि ब्लैक फंगस ऐसे लोगों में जल्दी होता है जो डाएबिटिक हैं। साथ ही कोरोना से जूझ चुके ऐसे लोग जिनकी इम्यूनो पॉवर कम हो गई है या पहले से ही कम है। इस रोग के लक्षणों में नाक, गले व आंख में फंगस जमा हो जाती है, जो दिमाग तक पहुंच सकती है। आंखों की रोशनी भी जा सकती है। साथ ही तेज सिर दर्द होता है। डॉ. शाक्य का सुझाव है कि इस तरह की दिक्कत आने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
एंफोटेरिसिन इंजेक्शन मंगाए जाएंगे
चूंकि जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या ज्यादा आई है। लिहाजा संक्रमितों की इम्यूनो पॉवर कमजोर होने से रोग फैलने का डर है। इसी के चलते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने रोग के इलाज के काम आने वाला इंजेक्शन एंफोटेरिसिन-बी के लिए ऑर्डर कर दिया है। अभी इस इंजेक्शन की किल्लत नहीं है। न ही इसका ज्यादा इस्तेमाल होता है पर आगे भी किल्लत न हो। इसलिए स्टॉक किया जा रहा है। इस रोग के इलाज में टेबलेट का भी इस्तेमाल किया जाता है।
ब्लैक फंगस रोग का फिलहाल कोई रोगी यहां नहीं है। पर हमने तैयारियां शुरू कर दी हैं। डॉक्टरों की टीम बना दी है। जरूरी इंजेक्शन व गोलियां की व्यवस्था के लिए ऑर्डर भेज दिया है। जल्द ही बहुत सारी दवाएं हमारे पास होंगी।
डॉ. केसी राठौर, सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय