संस्था संचालक सुनील समाधिया ने ग्रामीणजनों को समझाइश देते हुए कहा कि सभी तरह के नशा एक सामाजिक बुराई है। इसको दूर करने के लिए हमें मिलजुलकर मुकाबला करना होगा। नशा चाहे बीडी, सिगरेट, गुटखा, शराब, अफीम या तंबाकू का हो हमारे अच्छे खासे शरीर को जानलेवा बीमारियों का शिकार बना लेता है। उन्होंने कहा कि नशा करने वाला व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खोता जाता ह ै। उसे अपने भले बुरे कि समझ नहीं रहती है। नशे की लत में व्यक्ति इतना अंधा एवं विवेक हीन हो जाता है कि अपने पराए में भेद नहीं कर पाता है और अपने घर परिवार के साथ अभद्रता एवं प्राण घातक हमला कर देता है। जिस कारण समाज में उसकी छवि एक अपराधिक व्यक्ति की बन जाती है। जिसका दंश उसके माता-पिता, भाई-बहिन, पत्नी व बच्चों को अपमानित आए दिन अनके अवसरों पर होना पड़ता है इतना ही नहीं नशे की लत से युवा, छात्र अपने पूरे कॅरियर को खत्म कर देता है। समाधिया ने कहा कि नशा छोडऩा आसान भी नहीं होता उसे कानूनी दंडो के वल पर भी नहीं छुड़ाया जा सकता है पर नामुमकिन भी नहीं है। व्यक्ति की जिंदगी को तवाह करने वाली इस सर्वनाशी बुराई को दूर करने के लिए हमें जागृति, चेतना के वल पर घैर्य के साथ एकजुट होकर प्रयास करना होगा। हमें अपने घर परिवार, समाज, गांव, जिला, प्रदेश व देश को नशा मुक्त करने के लिए शपथ लेनी होगी तो हमारा देश नशामुक्त बनेगा।
कार्यक्रम के अवसर पर दिनेश शर्मा, नीरज शर्मा, आशीष राय, विनोद दुबे, अंजुम अंसारी, सीमा पाल, प्रहलाद गोसाई आदि उपस्थित रहे।