नगर पालिका का सम्मेलन मंगलवार को नगर पालिका अध्यक्ष सुभाष अग्रवाल की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी एके दुबे, उपाध्यक्ष योगेश सक्सेना सहित पार्षदगण मौजूद रहे। सम्मेलन की शुरुआत ही हंगामे के साथ हुई जब पार्षद कानू तिवारी ने धन्यवाद दिया कि आपने सात माह १० दिन बाद सम्मेलन बुलाया। और दूसरा धन्यवाद दिया कि एक ही बैठक में १५५ बिंदु विचाराधीन रखे। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष साहब आप तो व्यापारी हो हर माह बैठक नहीं ले पाते और जब आपकी मर्जी होती है तब बैठक बुला रहे है। ऐसा कोई नियम है क्या। उन्होंने कहा कि प्रोसेडिंग बिंदुबार कराई जाए और उसकी कॉपी पार्षदों को प्रदान की जाए। उन्होंने वाटर वक्र्स रजिस्टर व लॉग बुक मंगाई।
उन्होंने कहां कि डीजल चोरी हो रहा है और आप लोग सो रहे है। इसके बाद पार्षद प्रशांत ढेंगुला ने सवाल किया कि बैठक क्यों देरी से हुई। सीएमओ जवाब दें। क्या समस्या हुई, पार्षद सम्मेलन नहीं हुआ इसकी जिम्मेदारी किसकी है। उन्होंने कहा कि पार्षदों का एक ही तो प्लेटफार्म है जहां पार्षद अपनी बात रख सकते है। बैठक नही हुई तो पार्षद कहा बात रखे। जबकि धारा ५६ के तहत अध्यक्ष अगर बैठक नहीं कर पाए तो उपाध्यक्ष बैठक कर सकता है और अगर उपाध्यक्ष भी बिजी है तो सीएमओ ले सकते हैं। धारा ११६ कहती है जनवरी के प्रथम दिन बैठक हो जाना चाहिए। एक गलती छुपाने के लिए आप लोग कितनी गलतियां करोगे। इस पर सीएमओ दुबे बोले आगे से ऐसा नही होगा हर दो माह में बैठक बुलाई जाएगी। वहीं वरिष्ठ पार्षद मुकेश यादव ने भी कहा कि अब कौन सा संकट आ गया दतिया पर जो बैठक बुलानी पड़ी।
सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ पार्षद मुकेश यादव ने डीजल चोरी के मामले में कहा कि अध्यक्ष जी ध्यान दो क्या आप ग्वालियर ज्यादा जाने लगे हो। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि दो माह से हमारा शोरूम खुला है। जबकि डीजल आपका पहले से चोरी हो रहा है। भगवान का दिया हमारे पास सब कुछ है आप सीधे मुझ पर आरोप मत लगाए। तभी यादव ने कहा कि आपको मिर्ची क्यों लग रही है। तो अध्यक्ष ने कहा कि आप सीधे आरोप लगा रहे हैं। ये जनता का पैसा है आप पर नहीं संभल रही अध्यक्षी तो आप इस्तीफा दे दो। तभी मामले को बढ़ता देख उपाध्यक्ष योगेश सक्सेना ने अध्यक्ष व पार्षद को शांत कराया। डीजल के मामले में सीएमओ ने बताया कि ३१०० लीटर डीजल जल प्रदाय को और १८०० लीटर डीजल सफाई वाहन को दिया जाता है। इस पर पार्षद ढेंगुला ने सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि यह तो उल्टा हो रहा है। जबकि सफाई वाहनों पर डीजल ज्यादा लगना चाहिए। सीएमओ आप इस मामले को गंभीरता से लें।
डेढ़ माह से नहीं मिली लाइट पार्षद रामकुमार इटोरिया ने कहा कि डेढ़ साल हो गई है लाइटें नहीं मिली। इसकी फाइल मंगा ली जाए। अध्यक्ष ने पैसा खाया कि सीएमओ ने आप फाइल मंगाए। इस पर स्टोर शाखा प्रभारी वीरेन्द्र कुशवाहा ने जवाब दिया कि सामान आपके वार्ड में पहुंच गया है और लग भी गया है इसकी प्राप्ति भी है। इसके बाद पार्षद इटोरिया व पार्षद ढेंगुला में बात काटने को लेकर हल्की झड़प हुई। पार्षद मुलू उपाध्याय ने अमृतम् योजना की मॉनीटरिंग के लिए समिति बनी है कि नहीं इस पर सवाल किया। वहीं आवारा पशुओं की व्यवस्था की बात कही।
चुन-चुन कर बांटी जा रहीं रेवडिय़ां सम्मेलन में प्रधानमंत्री आवास योजना का मामला भी गरमाया। इस पर पार्षद प्रशांत ढेंगुला ने कहा कि उक्त योजना की फाइलें सागर क्यों जाती है। वहां से जो सूची आती है उसमें ऐसे नाम जोड़े जाते है जो कि हम पार्षदों के वार्डों के है ही नहीं। वहीं उन्होंने कहा कि वार्ड २४ व २८ में शौचालय आवंटित हुए लेकिन राशि नहीं पहुंची इस पर सीएमओ ने जवाब दिया कि दिखवा लेते है। प्रधानमंत्री आवास के संबंध में उपाध्यक्ष योगेश सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास में आप लोग तो चुन-चुनकर रेवडिय़ां बांट रहे है। सीएमओ दुबे ने कहा कि अब आगे से ऐसा नहीं होगा अब वार्ड पार्षद के सत्यापन से सूची तैयार की जाएगी।
चार विषयों पर बनी सहमति सम्मेलन के दौरान शहर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था के लिए लाइट सामग्री क्रय करने के लिए ९८ लाख की सहमति बनी। वहीं शौचालय निर्माण के लिए वार्डों को छह भागों में बांटे जाने पर सहमति बनी। इसी के साथ संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे के लिए स्थानों को चिह्नित किए जाने पर सहमति बनी। वहीं वार्ड के परिसीमन करने पर सहमति बनी कि यह दो चरणों में किया जाए। पहले चरण में ऐसा भाग शामिल किया जाए जोकि ग्राम पंचायत की परिधि में न आता हो तथा दूसरे चरण में दतिया से लगे हुए ग्राम पंचायतों को शामिल किया जाए और इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाए।