नगरपालिका द्वारा इस ओर ध्यान न दिए जाने की वजह से क्षेत्र लोगों में नाराजगी व्याप्त है। लोगों का कहना है कि यदि अभी यह स्थिति है तो बरसात के दिनों में क्या होगा।
नगरपालिका द्वारा पेयजल सप्लाई को ठेके पर दिया गया है। शहर में पानी सप्लाई का ठेका निजी कंपनी के पास है। निजी कंपनी द्वारा शहर में वर्तमान में जो पानी सप्लाई किया जा रहा है वह साफ नहीं है। नलों में पीला पानी आने से लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए हैंडपंपों की शरण लेना पड़ रही है।
शहर में पानी सप्लाई का मुख्य स्रोत अंगूरी बैराज है। निजी कंपनी द्वारा जो पानी सप्लाई किया जा रहा है उससे तो यह लग रहा है कि पानी को फिल्टर करने के नाम पर सिर्फ औपचारिकता की जा रही है।
2-3 दिन में सप्लाई
नगरपालिका द्वारा जिस कंपनी को पेयजल आपूर्ति का ठेका दिया गया है उसे प्रतिदिन पेयजल सप्लाई है। इसके बावजूद कंपनी द्वारा दो से तीन दिन के अंतराल से पानी की सप्लाई की जा रही है।
हैंडपंप से भरना पड़ रहा पानी
शहर में गंदे पानी की सप्लाई के कारण लोगों को हैंडपंप का सहारा लेना पड़ रहा है। जिन लोगों के घरों में आर ओ नहीं लगे हुए हैं उन्हें नलों से सीधे आने वाले पानी को पीना मुश्किल हो रहा है। नलों में गंदा पानी आने की बजह से हैंडपंप पर लगी वयस्क सदस्यों के अलावा बच्चों को भी पानी भरते आसानी से देखा जा सकता है।
नगरपालिका द्वारा शहर में प्रतिदिन पानी की सप्लाई हो इसके लिए वानको कंपनी को प्रतिवर्ष करीब एक करोड़ रुपए का भुगतान किया जाता है। नगरपालिका द्वारा कंपनी को इतना पैसा दिए जाने के बाद भी शहर प्यासा है।
नलों में आ रहे गंदे पानी की वजह से लोग सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। लोग पीले पानी के फोटो के साथ यह भी लिख रहे हैं कि लगता है कि पानी में हल्दी ज्यादा गिर गई है। लोगों का कहना है कि पानी सप्लाई का अभी यह हाल है तो बरसात के दिनों में क्या होगा।
- एके दुबे, मुख्य नगरपालिका अधिकारी