परीक्षा के लिए 23082 छात्र पंजीकृत थे। ऐसे में कुल में 21811 परीक्षार्थियो में से 1271 अनुपस्थित रहे। सुरक्षा को लेकर सभी परीक्षा केंद्रों पर पुलिस जाप्ता तैनात रहा। प्रशासन की विभिन्न टीमों ने सभी परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। एडीएम राजवीर चौधरी, एसडीएम संतोष गोयल, कोतवाल व शिक्षा विभाग की टीमों ने दौरा कर परीक्षा केन्द्रों का जायजा लिया। बांदीकुई के लिए एसडीएम बांदीकुई को नोडल अधिकारी बनाया गया था।
परीक्षा के जिला समन्वयक डॉ. संतोष सिंहल ने बताया कि इस बार विश्वविद्यालय ने परीक्षा में सख्ती बरतते हुए नवाचार किया है। परीक्षा में ओएमआर सीट पर परीक्षार्थी की फोटो, रोल नम्बर व हस्ताक्षर पहले से इंगित होने से वीक्षकों व परीक्षार्थियों को काफी सुविधा रही।
पहचान पत्र के लिए भटकते रहे परीक्षार्थी
परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए प्रवेश पत्र के साथ फोटो युक्त पहचान पत्र अनिवार्य होने के कारण कई परीक्षार्थी पहचान पत्र नहीं लाए तो वे प्रवेश के लिए भटकते रहे। बाद में परिजनों को फोन कर पहचान पत्र मंगवाने के बाद उन्हें प्रवेश दिया गया।
मोबाइल जमा नहीं होने से हुए परेशान
परीक्षार्थी गावों से आने की वजह से सुबह जल्दी घर से निकल गए। घरवालों को सूचना देने के लिए मोबाइल भी साथ ले आए, लेकिन परीक्षा केंद्र पर मोबाइल जमा नहीं होने व रविवार के चलते बाजार बंद होने से उन्हें आस-पास के घरों या रिश्तेदारों के मकानों पर जाकर मोबाइल रखा। परीक्षा केंद्रो पर प्रवेश के लिए लम्बी लाइनें लग जाने से परीक्षार्थियों को काफी देर तक धूप में भी तपना पड़ा।
परीक्षा के बाद रोड जाम
परीक्षा समाप्त होते ही लालसोट रोड़ व आगरा रोड पर जाम के हालत बन गए। सड़कों पर एक साथ यातायात का दबाव बढ़ जाने से रोड जाम हो गए।
धूप में तपे अभिभावक
बीसएसटीसी परीक्षार्थियों को परीक्षा दिलवाने आए अभिभावक परीक्षा खत्म होने के इंतजार में धूप से बचने के लिए इधर-उधर छिपते नजर आए। अधिकांश महिला परीक्षार्थी होने से उनके परिजन भी साथ आए। ऐसे में उन्हें केन्द्रों के बाहर तपती धूप में समय व्यतीत करना पड़ा, वहीं पानी से हलक तर करने के लिए भी भटकना पड़ा।