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बसवा डाइट को स्थाई मान्यता तो मिल गई, लेकिन पढ़ाएगा कौन?

locationदौसाPublished: Dec 09, 2019 09:37:47 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

Baswa Diet got permanent recognition, Lecturer posts vacant: पांच वर्ष से पड़े हैं अधिकांश व्याख्याताओं के पद रिक्त

बसवा डाइट को स्थाई मान्यता तो मिल गई, लेकिन पढ़ाएगा कौन?

बसवा डाइट को स्थाई मान्यता तो मिल गई, लेकिन पढ़ाएगा कौन?

प्रमोद अवस्थी

बांदीकुई. भले ही एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) संस्थान की ओर से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) बसवा को स्थाई मान्यता जारी हो गई हो, लेकिन डाइट में गत पांच वर्ष से अधिकांश व्याख्याताओं के पद रिक्त हैं। इससे प्रशिक्षण सहित अन्य कार्य पूरी तरह बाधित हो रहे हैं। सत्र 2020-21 से मान्यता मिलने से बीएसटीसी के लिए प्रशिक्षणर्थी प्रवेश ले सकेंगे, लेकिन व्याख्याता नहीं होने से सवाल खड़ा हो रहा है कि पढ़ाई कौन कराएगा।
baswa Diet got permanent recognition, lecturer posts vacant


सूत्रों के अनुसार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में 18 व्याख्याताओं के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 15 पद खाली हैं। मंत्रालयिक कर्मचारियों के भी 3 से में 2 पद रिक्त हैं। उप प्रधानाचार्य व कार्यालय अधीक्षक का पद भी खाली पड़ा है। खास बात यह है कि वर्ष 2003-2004 में डाइट खुलने के साथ ही बीएसटीसी अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण शुरू हुआ था, लेकिन तब से प्रधानाचार्य के निजी सहायक का पद भी नहीं भरा गया। ऐसे में प्रधानाचार्य को ही स्वयं के स्तर पर सारे कार्य करने पड़ रहे हैं।

पांचवीं व आठवीं बोर्ड की भी है जिम्मेदारी


जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से पांचवी व आठवीं (प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा) कराई जाती है। इसके अलावा सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण भी प्रतिवर्ष कराए जाते हैं। इसके बाद भी सरकार की ओर से रिक्त पदों को नहीं भरा जा रहा है। इससे डाइट का कामकाज प्रभावित हो रहा है। डाइट की ओर से राज्य सरकार को कई बार पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। डाइट की ओर से दौसा जिले के सभी उपखण्डों के शिक्षकों को शिक्षा में नवाचार लाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। अब डाइट 4 वरिष्ठ व्याख्याता, 3 व्याख्याता, प्रधानाचार्य व लेखाकार के भरोसे संचालित है।

नहीं मिला बजट


राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थान उदयपुर (एसआईआरटी) की ओर से सेवारत शिक्षकों के नवाचार प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के लिए बजट मुहैया कराया जाता है, लेकिन गत दो-तीन माह से बजट नहीं आने के कारण शिविर नहीं हो पा रहे हैं।
तीन साल बंद रहा प्रशिक्षण


वर्ष 2003 से 2015 तक प्रति वर्ष 50 छात्रों के हिसाब से 750 विद्यार्थियों ने बीएसटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त किया, लेकिन जनवरी 2016 में सुविधाएं मापदण्ड के मुताबिक नहीं होने से स्थाई मान्यता नहीं मिल पाई। मजबूरन बीच सत्र में ही प्रशिक्षणार्थियों को अन्य डाइट में स्थानान्तरित करना पड़ा। 2016 से डाइट को बैच आवंटित करना भी बंद कर दिया। ऐसे में तीन साल से डाइट में बीएसटीसी प्रशिक्षण बंद पड़ा हुआ था। अब मान्यता मिलने से अगले सत्र से प्रशिक्षण शुरू होगा। ऐसे में यदि व्याख्याताओं के पद नहीं भरे गए तो डाइट प्रशासन के लिए प्रशिक्षण कराना मुश्किल हो सकता है।
इनका कहना है…


जिले में एक मात्र जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बसवा में संचालित हैं। यहां सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण, बोर्ड परीक्षा सहित अन्य कार्य कराए जाते हैं। व्याख्याताओं की कमी के बारे में मांग पत्र बनाकर सरकार को अवगत करा दिया गया है।
-राजेन्द्र भारद्वाज प्रधानाचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बसवा
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