scriptये हैं वो शख्स जिनकी वाइल्ड लाइफ पेन्टिंग्स ने जीता दिल, CM और PM मोदी ने भी सराहे अभियान | story of paintings of Gajanan singh for wildlife conservation | Patrika News

ये हैं वो शख्स जिनकी वाइल्ड लाइफ पेन्टिंग्स ने जीता दिल, CM और PM मोदी ने भी सराहे अभियान

locationकरौलीPublished: Apr 13, 2018 02:31:05 pm

Submitted by:

Vijay ram

बाघ, जंगल, और जंगली जानवरों को बचाने के लिए जन जाग्रती अभियान चला चुके हैं. इसका फल उन्हें ये मिला कि जीवों की बढ़ोतरी हुई.. कई सेंन्चुअरी ..

 story of paintings of Gajanan singh for wildlife conservation
जयपुर/सवाईमाधपुर/करौली.
राजस्थान में हुनर की कमी नहीं है यहां के कलाकार हर क्षेत्र में अपनी नई पहचान बनाए हुए है। जो जयपुर से साथ-साथ राजस्थान के सभी जिले में अपनी कला को प्रदर्शित करते हैं। ऐसे ही एक कलाकार सवाई माधोपुर के गजानंद सिह है, जिनके हाथों में अदभुत पेंटिग बनाने की कला है।
अपनी चित्रकारी से दे रहे सेव टाइगर का संदेश
गजानंद वन्यजीवों की पेंटिंग करते है तथा अपनी बनाई गई पेटिंग के द्वारा लोगों को वन्यजीव (बाघ) को बचाने के लिए प्रेरित करते हैं। अभी वर्तमान में गजानंद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में चित्रकारी कर रहे है इसके अलावा झालाना लेपड सेन्चूरी में भी इन्हीं के द्वारा बाघ पेटिंग का काम किया गया है।
वाइल्ड लाइफ पेन्टिंग के जरिए जीता दिल
गजानंद ने बताया कि मैं और मेरी टीम यह कार्य १९८७ से कर रहे हैं। इस कार्य के करने से जो हमें इनकम होती है उसका कुछ हिस्सा ग्रीष्म काल के दो महिनों में हम बच्चों को पेंटिग सीखाने में खर्च करते है। गांव-गांव जाकर हम बच्चों को बाघ बचाने के बारे जानकारी देते है तथा उन्हें नि:शुल्क पेंटिंग सीखाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने की प्रशंसा
गजानंद ने बताया कि हमारी चित्रकारी को देखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मन की बात में सवाई माधोपुर के रेल्वे स्टेशन पर हुई वन्यजीवों की चित्रकारी का जिक्र करते हुए प्रशंसा की थी। इसके साथ वसुन्धरा राजे को भी हमारा काम बहुत पसंद आया।
इसके अलावा जब हमें कोटा के रेल्वे स्टेशन पर चित्रकारी के लिए बुलाया गया था, उससे पहले वहां के लोकल कलाकारों ने स्टेशन की दीवारों पर चित्रकारी कर रही थी जो कोटा के आला अधिकारियों को पसंद नही आई, फिर जाकर हमें बुलाया गया।
द रणथंम्भौर स्कूल ऑफ आर्ट सोसाएटी के प्रथम अध्यक्ष
राजस्थान के अलावा हरियाणा और फरीदाबाद में भी अपनी चित्रकारी से बाघ को बचाने तथा बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, स्वच्छ भारत का संदेश दिया है। सवाई माधोपुर के कलाकारों की मसीहा पोवला मेनीफ्रेडी, इटली निवासी हैं। इन्होंने ही १९८८-१९८९ में कलाकारों की मदद से और दिल्ली निवासी वाईल्ड लाइफ राईटर मिस्टर वाल्मीक थापर की मदद से द रणथंभौर स्कूल ऑफ आर्ट सोसाएटी की स्थापना की थी।
जिसका प्रथम अध्यक्ष गजानंद सिंह तुनगरिया को बनाया गया। तभी से बाघ, जंगल, और जंगली जानवरों को बचाने के लिए जन जाग्रती अभियान चलाया था, आज इसका रिजल्ट सामने है कि टाईगरों की बढोत्तरी हुई है तथा जंगल भी बचा है।
यहां की है पेंटिग
सवाई माधोपुर का रेल्वे स्टेशन
कोटा का रेलवे स्टेशन
भरतपुर का रेल्वे स्टेशन
भरतपुर के घना में देशी-विदेशी पक्षियों की पेटिंग
रणथंभौर अभयारण्य
झालाना लेपड सेन्सूरी-जयपुर
नाहरगढ बॉयोलॉजिकल पार्क-जयपुर
नाहरगढ जूलॉजिकल पार्क-जयपुर

ये शख्स अभी नाहरगढ़ बॉयलॉजिकल पार्क में पेन्टिंग के बाद अन्य जंगलों की देखभाल कर रहे हैं। पत्रिका जर्नलिस्ट निशि जैन को उन्होंने ये कई बातें बताईं, फोटोग्राफर जुगल किशोर के कैमरे से आगे देखें और तस्वीरें..
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो