इधर, जिलास्तरीय अधिकारियों पर भी सदस्यों ने काम नहीं करने के जमकर आरोप लगाए। यहां न केवल कांगे्रस पार्टी के सदस्य बल्कि सत्ताधारी पार्टी के सदस्य भी अधिकारियों पर जमकर बरसे। आरोप लगा रहे थे वे जो काम मिटिंग में बताते हंै उनमें से कोई काम नहीं होते हैं। सभा में बिजली, पानी, खाद्य सुरक्षा एवं श्रमिक विभाग से जुड़े कार्यों पर अधिक चर्चा हुई।
बांदीकुई प्रधान सीमा मीना ने विद्युत निगम अधिकारियों पर आरोप लगाया कि आमजन की बात दूर बिल जमा होने के बाद भी पंचायत समिति परिसर में चार दिन में बिजली सप्लाई बंद कर दी। जब अधिकारी उनकी ही नहीं सुनते तो फिर आम लोगों क्यां सुनते होंगे।रामकिशोर मीना ने कहा कि वे जब से सदस्य बने हैं तब से बैजवाड़ी में टंकी में पानी भरवाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है। सभागार में उप जिला प्रमुख सीताराम मीना, कविता बैरवा, साबो देवी मीना, रोशन हवलदार, लवाण प्रधान ममता गांगडिय़ा, गुलाब मीना सहित कई मौÓाूद थे।
इस अवसर पर एसीईओ सुरेन्द्र सिंह मीना, एक्सईएन गोपालदास मंगल, बनेसिंह मीना, डीईओ ओमप्रकाश शर्मा, श्रम अधिकारी विक्रम सिंह, नवीन सैनी, उमाशंकर शर्मा समेत कई मौÓाूद थे। सभा में मनरेगा योजनान्तर्गत 216 करोड़ रुपए के पूरक वार्षिक प्लान 2018 -19 का भी अनुमोदन किया गया।
तो फिर एसीबी ने रिकॉर्ड जब्त क्यों किया
जिला परिषद सदस्य हीरालाल सैनी ने श्रम विभाग पर निशाना साधते हुए कहा कि इस विभाग में भ्रष्टाचार इतना है कि वहां बिना लिए दिए काम ही नहीं होता है। न श्रमिकों की समय पर डायरियां बन रही है और श्रमिकों के बालकों को छात्रवृत्ति व शुभलक्ष्मी योजना का लाभ मिल रहा है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि इस विभाग में भ्रष्टाचार नहीं हो तो पिछले दिनों एसीबी ने रिकॉर्ड जब्त क्यों किया।
सदस्य ने सौंपा इस्तीफा
जिला परिषद सदस्य महेश सैनी, हीरालाल सैनी व रकम सिंह मीना ने कहा कि यहां पर उनके बताए काम नहीं होते हैं। इससे अ’छा है कि उनका इस्तीफा ले लिया जाए। इस बीच रकम सिंह ने तो सभागार में ही अपना इस्तीफा लिख कर जिला प्रमुख एवं सीईओ को सौंप दिया।