इस दौरान महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश ने कहा कि अध्यादेशों में बहुत खामियां हैं। इससे न केवल किसानों को नुकसान होगा बल्कि मंडी मजदूर व खेत मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे। बिना वोटिंग और बहस के आनन-फानन में अध्यादेशों को पारित कराना तानाशाही का द्योतक है। लाखों-करोड़ों लोगों को बेघर करने का षड्यंत्र बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेशों से किसान बर्बाद हो जाएगा। प्रदेश में कृषि विपनण पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। मंडिया बंद हो जाएगी। इसमें लाखों व्यापारी, मजदूर व अन्य लोग रोजगारविहीन हो जाएंगे। ऐसे काले कानून को तुरंत रद्द किए जाने की मांग की गई है। बांदीकुई विधायक जीआर खटाणा ने कहा कि बिल के जरिए कॉन्ट्रेक्ट खेती को आगे बढ़ाया जा रहा है। इससे कंपनियां खेती करेंगी और किसान भाई मजदूर बनकर रह जाएंगे। आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम से जमाखोरी बढ़ेगी।
इस दौरान रामजीलाल ओढ़, कमल मीना, घनश्याम भांडारेज, राकेश चौधरी, अवधेश शर्मा, भैया भाई, शरद नागर, मुकेश राणा, शेषअवतार शर्मा, नेहा निडर, रामप्रताप मीना, रामनाथ राजोरिया, मनोहरलाल गुप्ता, सुनीता शर्मा, मोहम्मद आसिफ, अजीत सिंह, सुरेंद्र गुर्जर, डॉ. शिव शर्मा, राजेश उदाला, उमाशंकर, विकास गर्ग, शंकर हुड़ला, पुनीत बालाहेड़ी सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंस के नियम ही अवहेलना भी देखी गई।
लम्बे समय बाद एक जगह दिखे नेता कांग्रेस में चल रही खेमेबंदी के बीच सोमवार को प्रदर्शन के दौरान जिले के आला नेता लंबे समय बाद एक जगह नजर आए। गौरतलब है कि गत दिनों सचिन पायलट के बगावती तेवर अपनाने के बाद विधायक मुरारीलाल मीना व जीआर खटाणा उनके साथ चले गए थे। इसके बाद जिला स्तर पर भी खींचतान देखी गई थी।