Corruption in water awareness Scheme in Rajasthan एक ग्राम पंचायत की तीन गतिविधियों के लिए 16 हजार 500 रुपए मिल देय हैं, लेकिन एनजीओ गतिविधियों में मेेले के स्थान पर केनोपी लगा रहा है और एक रथ को एक ही दिन में तीन- तीन ग्राम पंचायतों में घुमा रहा है। यह मामला सोमवार को अधिशासी अभियंता रामलखन मीना ने लालसोट की ग्राम पंचायत खटवा और देवली में निरीक्षण कर उजागर किया। गतिविधियों के नाम पर ग्रामीणों की फोटो खींच कर खानापूर्ति करने पर अधिशासी अभियंता ने एनजीओं के कर्मचारियों को लताड़ लगाई।
अधिकारियों को भनक नहीं
एनजीओ ने जिले की तीन पंचायत समितियों में काम निपटा दिया और स्थानीय अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। जलदाय विभाग के अनुसार एनजीओ ने महुवा, दौसा व लालसोट पंचायत समितियों में काम पूरा कर लिया है। अधिकारियों को अब यह जानकारी लगी। अब सिकराय व बांदीकुई का काम शेष है।
दौसा में है 37 लाख का काम
जल जागरुकता की गतिविधियां पूरी करने के लिए एनजीओ को दौसा जिले की 224 ग्राम पंचायतों का 36 लाख 96 हजार रुपए का बजट मिला है। वहीं प्रदेश के 28 जिलों का 18 करोड़ रुपए का काम मिला है।
मेले के नाम पर लगाई मात्र केनोपी
अधीक्षण अभियंता रामनिवास मीणा के निर्देश पर अधीशासी अभियंता रामलखन मीना के नेतृत्व में लालसोट सहायक अभियंता, वृत कार्यालय में कार्यरत डब्लूएसएसओ के संजय राणा एवं डॉ. राजकुमार सिंह ने खटवा और देवली पहुंचकर एनजीओ की गतिविधियों को देखा। एक्सईएन ने बताया कि एनजीओ द्वारा जिले की सभी ग्राम पंचायतों में जल मेला, सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम (पीआरए) और जल जागरुकता रथ का संचालन किया जाना है। निरीक्षण में सामने आया कि एनजीओ द्वारा एक दिन में &-& ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम कराए जा रहे हैं, जो तकनीकी रूप से होना संभव नहीं है।
कार्यक्रम की गुणवत्ता और गतिविधियों में खानापूर्ति पाईगई। टीम ने सुबह 11.40 बजे ग्राम पंचायत खटवा पहुंचकर जल जागरुकता गतिविधियों की जानकारी ली तो एनजीओ के कर्मचारी हड़बड़ा गए। ग्राम पंचायत में जल जागरुकता रथ का संचालन नहीं हो रहा था। मेले के नाम पर एक केनोपी लगा रखी थी और पीआरए में केवल रंगोली बनाई गई थी।
पीआरए गतिविधि और मेला बैरवा ढाणी के एकांत स्थान पर लगाया हुआ था, जो आमजन की पहुंच से दूर था।
उन्होंने बताया कि देवली ग्राम पंचायत में भी सूने स्थान में पीआरए रंगोली बनी हुई पाई गई। वहां किसी ग्रामीण की सहभागिता नहीं मिली। यहां भी मेले के नाम पर एक केनोपी आईटी केन्द्र में लगी मिली।जहां एक-दो ग्रामीण मिले व जल जागरुकता रथ नहीं पाया गया। निरीक्षण के दौरान लालसोट कनिष्ठ अभियंता जालंधर मीना भी साथ थे।
उन्होंने बताया कि देवली ग्राम पंचायत में भी सूने स्थान में पीआरए रंगोली बनी हुई पाई गई। वहां किसी ग्रामीण की सहभागिता नहीं मिली। यहां भी मेले के नाम पर एक केनोपी आईटी केन्द्र में लगी मिली।जहां एक-दो ग्रामीण मिले व जल जागरुकता रथ नहीं पाया गया। निरीक्षण के दौरान लालसोट कनिष्ठ अभियंता जालंधर मीना भी साथ थे।
अधिकारियों की जानकारी ही नहीं दी
एनजीओ ने दौसा में जलदाय विभाग के अधिकारियों को जल जागरुकता की गतिविधियों की कोई जानकारी ही नहीं दी। अब उन्होंने एसई के निर्देश पर निरीक्षण किया तो पोल खुली। वे रिपोर्ट बना कर उ’चाधिकारियों को भेजेंगे और यदि उनके पास भुगतान का मामला आया तो वे रोकेंगे।
– रामलखन मीना, अधिशासी अभियंता जलदाय विभाग दौसा
एनजीओ ने दौसा में जलदाय विभाग के अधिकारियों को जल जागरुकता की गतिविधियों की कोई जानकारी ही नहीं दी। अब उन्होंने एसई के निर्देश पर निरीक्षण किया तो पोल खुली। वे रिपोर्ट बना कर उ’चाधिकारियों को भेजेंगे और यदि उनके पास भुगतान का मामला आया तो वे रोकेंगे।
– रामलखन मीना, अधिशासी अभियंता जलदाय विभाग दौसा
Corruption in water awareness Scheme in Rajasthan