स्टेशन पर पूजा-अर्चना के बाद वेेे टे्रक पर होते हुए मण्डी फाटक पहुंचे। वहां से मोटर ट्रॉली में बैठकर जांच करते हुए करीब चार बजे नांगल पहुंचे। इस दौरान ६ मोटर ट्रालियों में उत्तर-पश्चिम रेलवे के आला अधिकारी भी साथ थे। इससे पहले स्पेशल टे्रन टे्रक पर आगे चल रही थी। इस दौरान सफाईकर्मी भी टे्रक की सफाई करते दिखाई दिए। इसके बाद वे स्पेशल टे्रन से वापिस ५ बजे दौसा स्टेशन पहुंचे। उल्लेखनीय है कि वर्ष१९९६-९७ में स्वीकृत दौसा-गंगापुर रेलखण्ड पर डिडवाना तक ३५.४४ किलोमीटर तक तैयार टे्रक पर टे्रन चलाने की तैयारी है। इस मौके पर मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक जेएस मीना, सीएसटी प्रोजेक्ट अरुणासिंह, चीफ इंजीनियर टीएमटी एमके गुप्ता, एडीआरएम हरीशचन्द्र मीना, मुख्य उप अभियंता केएल मीना सहित रेलवे के सिग्नल एवं दूरसंचार, निर्माण, यातायात आदि शाखाओं के आला अधिकारी मौजूद थे।
सैफटी क्लियरेंस होती है जरूरी
किसी भी नए रेलवे टे्रक पर टे्रन के संचालन से पहले सीआरएस क्लियरेंस आवश्यक होती है। सीआरएस की ओर से टे्रन के संचालन, टे्रक की स्थिति, क्रासिंग, रेलवे फाटक सहित टे्रन के संचालन से जुड़ी प्रत्येक जांच की जाती है। इसके बाद ही स्पीड आदि तय कर टे्रन चलाने की अनुमति दी जाती है।
जताई नाराजगी
एसएस ऑफिस में कार्मिकों के परिचय पत्र में नाम छोटे अक्षरों में अंकित होने तथा टोकन बॉक्स के लिए तालेदार बॉक्स नहीं होने पर सुशीलचंद्र ने नाराजगी जताई।
शुक्रवार को होगी स्पीड ट्रायल
शुक्रवार को ९.३० बजे दौसा स्टेशन से नांगल तक स्पेशल टे्रन से जाएगें। यहां से डिडवाना तक मोटर ट्राली निरीक्षण करेंगे। दोपहर ३.३० बजे डिडवाना से दौसा तक स्पेशल टे्रन से स्पीड ट्रायल करने का कार्य प्रस्तावित है।