इन बसों से रोडवेज प्रबंधन को प्रतिदिन करीब 6 लाख रुपए की आमद होती है। जबकि दौसा आगार की बसें लॉकडाउन के दो दिन पहले यानि 20 मार्च से ही बंद कर हैं। 23 मई तक 65 दिन हो गए हैं। इस प्रकार अब तक डिपो को करीब 3 करोड 90 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। बसें अभी आगार में ही खड़ी हैं।
स्वयं के साधनों के भरोसे यात्री
इस वक्त कोरोना लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है। लोगों को जिले में तो आवागमन की जरूरत पड़ती है। वहीं कई लोगों को जयपुर, आगरा, बीकानेर, जोधपुर, अलवर, सवाईमाधोपुर व सौरोजी आदि स्थानों पर आवागमन की जरूरत भी पड़ रही है। रोडवेज बसें नहीं मिलने से अधिकांश लोग अपने स्वयं के वाहनों से आवागमन करना पड़ता है। अन्य प्राइवेट वाहनों भी बंद हैं। गौरतलब है कि दौसा शहर से जयपुर, लालसोट, बांदीकुई सहित आसपास के शहरों में कई लोग अपडाउन करते हैं। इन दिनों बाजार खुलने से उन्हें बाहर जाना पड़ता है, लेकिन वाहन सुविधा नहीं मिलने पर उन्हें खासी दिक्कत हो रही हैं। अधिकतर लोग निजी साधन बाइक व कार आदि से जा रहे हैं।
इस वक्त कोरोना लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है। लोगों को जिले में तो आवागमन की जरूरत पड़ती है। वहीं कई लोगों को जयपुर, आगरा, बीकानेर, जोधपुर, अलवर, सवाईमाधोपुर व सौरोजी आदि स्थानों पर आवागमन की जरूरत भी पड़ रही है। रोडवेज बसें नहीं मिलने से अधिकांश लोग अपने स्वयं के वाहनों से आवागमन करना पड़ता है। अन्य प्राइवेट वाहनों भी बंद हैं। गौरतलब है कि दौसा शहर से जयपुर, लालसोट, बांदीकुई सहित आसपास के शहरों में कई लोग अपडाउन करते हैं। इन दिनों बाजार खुलने से उन्हें बाहर जाना पड़ता है, लेकिन वाहन सुविधा नहीं मिलने पर उन्हें खासी दिक्कत हो रही हैं। अधिकतर लोग निजी साधन बाइक व कार आदि से जा रहे हैं।
ऑनलाइन हो रही है टिकटों की बुकिंग
दौसा आगार के प्रबंधक संचालक हेमराज मीना ने बताया कि अभी जयपुर मुख्यालय से दौसा जिले के लिए चार बसों का संचालन किया गया है। इनमें दो बसें दौसा और दो बसें लालसोट के लिए चलाई गई हैं। इनमें बैठने वाली सवारियों के टिकट ऑनलाइन किए जा रहे हैं। इसके बाद सवारियों को स्क्रीनिंग करके ही बैठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जयपुर से जो बसें चल रही हैं, वे वहीं से सेनेटाइज होकर चल रही है। अभी सुबह सात से शाम सात बजे तक ही बसों के संचालन के आदेश हैं।
दौसा आगार के प्रबंधक संचालक हेमराज मीना ने बताया कि अभी जयपुर मुख्यालय से दौसा जिले के लिए चार बसों का संचालन किया गया है। इनमें दो बसें दौसा और दो बसें लालसोट के लिए चलाई गई हैं। इनमें बैठने वाली सवारियों के टिकट ऑनलाइन किए जा रहे हैं। इसके बाद सवारियों को स्क्रीनिंग करके ही बैठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जयपुर से जो बसें चल रही हैं, वे वहीं से सेनेटाइज होकर चल रही है। अभी सुबह सात से शाम सात बजे तक ही बसों के संचालन के आदेश हैं।
फैक्ट फाइल 1. दौसा आगार में कुल बसें – 60
2. दौसा आगार में कुल रूट – 47
3. कितने दिन से बसें बंद – 65
4. प्रतिदिन की आमद – 6 लाख
5.अब तक का घाटा – 390 लाख
2. दौसा आगार में कुल रूट – 47
3. कितने दिन से बसें बंद – 65
4. प्रतिदिन की आमद – 6 लाख
5.अब तक का घाटा – 390 लाख
अभी मुख्यालय से ही संचालन
रोडवेज बस प्रबंधन ने अभी तक जयपुर मुख्यालय से ही बसें चलाई है। दौसा के लिए चार बसें भेजी है। इन बसों का सफलतापूर्वक संचालन हुआ तो फिर दौसा आगार की बसों के संचालन की अनुमति मिलेगी।
– कैलाश चन्द्र मीना, मुख्य प्रबंधक दौसा आगार
रोडवेज बस प्रबंधन ने अभी तक जयपुर मुख्यालय से ही बसें चलाई है। दौसा के लिए चार बसें भेजी है। इन बसों का सफलतापूर्वक संचालन हुआ तो फिर दौसा आगार की बसों के संचालन की अनुमति मिलेगी।
– कैलाश चन्द्र मीना, मुख्य प्रबंधक दौसा आगार