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मानसून के बाद भी पानी के लिए तरस रहा है दौसा

locationदौसाPublished: Oct 18, 2019 09:38:34 am

Submitted by:

Rajendra Jain

Dausa is craving for water even after monsoon…. चार-पांच दिन में एक बार आ रही सप्लाई: मांग का पांचवां हिस्सा ही मिल रहा है, खरीद कर पीना पड़ रहा है पानी

मानसून के बाद भी पानी के लिए तरस रहा है दौसा

दौसा. पानी के लिए कुएं पर मशक् कत करती महिलाएं।

Dausa is craving for water even after monsoon… दौसा. जिलेभर में गर्मियों में पानी का संकट झेल चुके लोगों को सर्दी में भी राहत की सम्भावना नजर नहीं आ रही है। अच्छे मानूसन के बाद भी जिला मुख्यालय पर अब 96 घंटे में एक बार पानी की सप्लाई हो रही है। शहर की कई कॉलोनियों में तो पानी पहुंच ही नहीं रहा है। ग्रामीण इलाकों में भी लोग पानी के लिए परेशान नजर आ रहे हैं।
Dausa is craving for water even after monsoon… दौसा शहर में प्रतिदिन 1 करोड़ 20 लाख लीटर पानी की जरूरत है, जबकि मात्र 35 से 40 लाख लीटर प्रतिदिन ही मिल रहा है। यही कारण है कि चार से छह दिन में शहर के लोगों को एक बार पानी मिल रहा है। पानी की सप्लाई भी उन्हीं कॉलोनी में हो रही है, जहां पर पाइप लाइन पहले से बिछी हुई है। शहर में बिगड़ी पेयजल व्यवस्था को निजी सप्लायरों ने संभाल रखा है। आसपास के गांवों के लोग अपने कुओं से पानी भर कर शहर में 300-400 रुपए प्रति टैंकर बेच रहे हैं। वहीं शहर में ही प्रतिदिन लोग हजारों कैम्पर पानी महंगे दाम में खरीद कर पी रहे हंै।
Dausa is craving for water even after monsoon… कब तक रहेंगे बीसलपुर परियोजना के भरोसे
जिला मुख्यालय पर करीब चार वर्ष पहले जलदाय विभाग ने पानी की सप्लाई के लिए 14 करोड़ रुपए खर्च कर बीसलपुर परियोजना के तूंगा फीडर(पम्प हाउस) से दौसा तक पाइप लाइन बिछाई थी। इससे 20 लाख लीटर पानी प्रतिदिन देने की घोषणा थी, लेकिन आज तक भी इस पाइप लाइन से इतना पानी प्रतिदिन नहीं आया। गत वर्ष पानी की क्षमता 25 लाख लीटर प्रतिदिन कर दी थी, लेकिन उतना पानी नहीं आया। शहरवासियों का कहना है कि बीसलपुर परियोजना से शहर के लिए वर्तमान में हो रही पानी की सप्लाई ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
Dausa is craving for water even after monsoon… गेटोलाव से सप्लाई बंद होने के बाद अधिक परेशानी : शहर में पानी की सप्लाई के लिए पिछले वर्षों गेटोलाव बांध में करीब आधा दर्जन बोरवेल जलदाय विभाग ने खुदवाए थे।
कुछ दिन उनका पानी शहर की पुरानी सब्जी मण्डी स्थित टंकी में संग्रहण कर सप्लाई भी किया गया था, लेकिन कुछ वर्षों से इन बोरवेलों का पानी बंद कर दिया था और इसके बाद शहर में पेयजल संकट अधिक गहरा रहा है। लोगों को रुपए खर्च कर कैंपर मंगवाकर काम चलाना पड़ रहा है।
फैक्ट फाइल
1. शहर में प्रतिदिन पानी की मांग- 1 करोड़ 20 लाख लीटर
2. शहर को पानी मिल रहा है- 35-40 लाख लीटर प्रतिदिन
3. शहर में पानी की सप्लाई हो रही है- 96 घंटे में एक बार।
4. शहर में 15 लाख लीटर पानी बीसलपुर व 20 लाख लीटर बोरवेलों से आ रहा है।

Dausa is craving for water even after monsoon… हवा फेंकने लगती है
ग्रामीण इलाकों भी पेयजल संकट गहराता जा रहा है। नलकूप रुक-रुक कर पानी डिस्चार्ज करते हैं। सबमर्सिबल पांच मिनट पानी डिस्चार्ज करती है तो दस मिनट हवा फेंकती है। खेती तो दूर लोगों को पीने के पानी के लिए लाले पड़ रहे हैं।
दौसा को वर्तमान में पचास लाख लीटर पानी मिल रहा है। सप्लाई 96 घंटे से 72 घंटे पर ले आए हैं।
रामलखन मीना, अधिशाषी अभियन्ता दौसा

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