गांव-ढाणियां होगी साफ
हाइवे निर्माण के दौरान कई जगह तो पूरा गांव व ढाणियों के आवास ही टूट जाएंगे। लोगों ने आलीशान मकान बना रखे हैं। कुएं व बोरवेल खुदवा कर खेती जा रही है, लेकिन हाइवे निर्माण के बाद कई मकान टूटेंगे तो खेती की जमीन चली जाएगी। चूडिय़ावास निवासी रामकरण मीना ने बताया कि भले ही उनको जमीन का मुआवजा मिल जाएगा, लेकिन उनकी मौके की जमीन हाइवे में चले जाने के बाद उनको दूसरी जगह जमीन मिलना मुश्किल हो जाएगा।
हाइवे निर्माण के दौरान कई जगह तो पूरा गांव व ढाणियों के आवास ही टूट जाएंगे। लोगों ने आलीशान मकान बना रखे हैं। कुएं व बोरवेल खुदवा कर खेती जा रही है, लेकिन हाइवे निर्माण के बाद कई मकान टूटेंगे तो खेती की जमीन चली जाएगी। चूडिय़ावास निवासी रामकरण मीना ने बताया कि भले ही उनको जमीन का मुआवजा मिल जाएगा, लेकिन उनकी मौके की जमीन हाइवे में चले जाने के बाद उनको दूसरी जगह जमीन मिलना मुश्किल हो जाएगा।
पूर्व सरपंच गैंदालाल ने बताया कि भले ही जमीन के बदले अच्छा मुआवजा मिल जाएगा, लेकिन दूसरी जगह जमीन खरीदी जाएगी तो वह भी उनको महंगी मिलेगी। ऐसा ही दर्द हजारों लोगों का है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यह हाइवे जमीन से काफी ऊंचाई तक बनेगा, इससे उनकी जमीन, गांव व ढाणियां दो हिस्सों में बंट जाएगी।
आमजन के नहीं आएगा काम
भले ही यह राष्ट्रीय राजमार्ग शानदार बनेगा, लेकिन खास बात यह है कि इस पर आम लोगों का आवागमन नहीं रहेगा। इसमें एक बार प्रवेश करने के बाद कई किलोमीटर तक की दूरी तक कट ही नहीं होगा। ऐसे में आम लोग इस हाइवे को काम नहीं ले पाएंगे।
भले ही यह राष्ट्रीय राजमार्ग शानदार बनेगा, लेकिन खास बात यह है कि इस पर आम लोगों का आवागमन नहीं रहेगा। इसमें एक बार प्रवेश करने के बाद कई किलोमीटर तक की दूरी तक कट ही नहीं होगा। ऐसे में आम लोग इस हाइवे को काम नहीं ले पाएंगे।
प्रदेश में 373 किलोमीटर लम्बा बनेगा हाइवे
हाइवे के लिए एनएचआई 100 मीटर भूमि चौड़ाई की भूमि अधिग्रहण कर रहा है। एक किलोमीटर में करीब 40 हैक्टेयर (160 बीघा) भूमि काम आएगी। इस हिसाब से पूरे राजस्थान में 14 हजार 944 हैक्टेयर भूमि अधिग्रहण होगी। यह हाइवे राजस्थान में अलवर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील में प्रवेश करेगा और कोटा की रामगंज मण्डी में होकर रतलाम, मध्यप्रदेश होता हुआ गुजरात के दाहोद, गोधरा होता हुआ वडोदरा में प्रवेश करेगा। वड़ोदार से सूरत होता हुआ मुम्बई जाएगा। हालांकि वड़ोदरा से मुम्बई के बीच पहले से ही काम चल रहा है। प्रदेश के अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, टोंक, बंूदी व कोटा में होकर जाएगा। इन जिलों की 18 तहसीलों में भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है।
हाइवे के लिए एनएचआई 100 मीटर भूमि चौड़ाई की भूमि अधिग्रहण कर रहा है। एक किलोमीटर में करीब 40 हैक्टेयर (160 बीघा) भूमि काम आएगी। इस हिसाब से पूरे राजस्थान में 14 हजार 944 हैक्टेयर भूमि अधिग्रहण होगी। यह हाइवे राजस्थान में अलवर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील में प्रवेश करेगा और कोटा की रामगंज मण्डी में होकर रतलाम, मध्यप्रदेश होता हुआ गुजरात के दाहोद, गोधरा होता हुआ वडोदरा में प्रवेश करेगा। वड़ोदार से सूरत होता हुआ मुम्बई जाएगा। हालांकि वड़ोदरा से मुम्बई के बीच पहले से ही काम चल रहा है। प्रदेश के अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, टोंक, बंूदी व कोटा में होकर जाएगा। इन जिलों की 18 तहसीलों में भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है।
दौसा में यह भूमि होगी अधिग्रहण
यह हाइवे दौसा की पांच तहसीलों में होकर गुजरेगा। पूरे जिले की करीब 3 हजार 480 हैक्टेयर भूमि इस हाइवे में काम आएगी। इसमें किसानों की भूमि के अलावा अन्य प्रकार की सरकारी भूमि भी काम आएगी। जानकारी के अनुसार दौसा जिले की बसवा तहसील की 800 हैक्टेयर भूमि काम आएगी। इसी प्रकार दौसा तहसील की 550, नांगलराजावतान की 300, रामगढ़पचवारा की 1000 व लालसोट तहसील की 800 हैक्टेयर भूमि काम आएगी।
यह हाइवे दौसा की पांच तहसीलों में होकर गुजरेगा। पूरे जिले की करीब 3 हजार 480 हैक्टेयर भूमि इस हाइवे में काम आएगी। इसमें किसानों की भूमि के अलावा अन्य प्रकार की सरकारी भूमि भी काम आएगी। जानकारी के अनुसार दौसा जिले की बसवा तहसील की 800 हैक्टेयर भूमि काम आएगी। इसी प्रकार दौसा तहसील की 550, नांगलराजावतान की 300, रामगढ़पचवारा की 1000 व लालसोट तहसील की 800 हैक्टेयर भूमि काम आएगी।
फैक्ट फाइल
दौसा में यहां इतनी भूमि आएगी काम
तहसील भूमि(है.)
बसवा 800
दौसा 550
नांगलराजावतान 300
रामगढ़पचवारा 1000
लालसोट 800
कुल 3450
दौसा में यहां इतनी भूमि आएगी काम
तहसील भूमि(है.)
बसवा 800
दौसा 550
नांगलराजावतान 300
रामगढ़पचवारा 1000
लालसोट 800
कुल 3450