गति पर नहीं नियंत्रण
एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं का बड़ा कारण वाहनों का ओवर स्पीड में चलना है। निर्माण कम्पनी की ओर से इस एक्सप्रेस वे को 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से वाहन चलाने के लिए तैयार किया गया है। वाहनों को इस निर्धारित स्पीड तक ही चलाने की अनुमति है, लेकिन एनएचएआई की ओर से पर्याप्त माॅनिटरिंग की व्यवस्था नहीं होने से यहां कारें 150 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड तक दौड़ रही हैं। वहीं वाहन चलाते समय चालक को नींद की झपकी भी हादसे का कारण रही है।
एक्सप्रेस वे पर करीब हर 100 मीटर की दूरी पर हाई टेक्नोलॉजी के थर्मल कैमरे लगाए गए हैं. इनका कार्य वाहनों की ओवर स्पीड को डिटेक्ट कर यातायात पुलिस और एनएचएआई अधिकारियों को सूचना देना होता है। इस हाई टेक्नोलॉजी के कैमरों के बाद भी वाहनों की ओवर स्पीड पर नियंत्रण नहीं लग पा रहा है, जिससे सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। एक्सप्रेस वे पर वाहनों को घूमने के लिए कई जगह कट बनाए गए हैं, इन पर भी वाहनों के घूमते समय पीछे से तेज गति से आने वाले वाहन टकरा जाते हैं।
इधर, हाइवे के आसपास रहने वाले लोग भी कई जगह सुरक्षा दीवार को बार-बार तोड़ देते हैं, इसके चलते आवारा पशु एक्सप्रेस वे पर पहुंच जाते हैं। कुछ जगह तो हाइवे से नीचे दुकान व थड़ी लगाकर व्यापार शुरू कर दिया गया है।