जिलेभर के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सक अपने मकानों से गायब है। जिन चिकित्सकों के आवासों पर दिनभर मरीजों का जमावड़ा लगा रहता था वे आवास सूने पड़े हैं। उनके मकानों पर या तो उनके नर्सिंगकर्मी है या फिर रिश्तेदार, लेकिन डॉक्टर एक भी दिखाई नहीं दे रहा है। इधर इलाज के लिए आने वाले लोग उनक आवासों पर पूछ कर वापस घर चले जाते हैं।
चिकित्सकों ने अपनी मांगे मनवाने के लिए पहलेभी हड़ताल की थी। उस वक्त भी तत्कालीन सरकार ने रेस्मा लागू किया था। उस वक्त दौसा में चार चिकित्सक गिरफ्तार हुए थे। उनमें से कुछ चिकित्सक अभीभी सरकारी अस्पताल में कार्यरत है। उस वक्त उन चिकित्सकों से लिखवा लियाथा कि वे कभी भी हड़ताल पर नहीं जाएंगे। ऐसे में अब वे चिकित्सक तो अस्पताल आ रहे हैं।
सरकारी चिकित्सक दिखाई दे तो तुरंत सूचना दे
किसी भी सरकारी चिकित्सक, कार्मिक का सामूहिक अवकाश या हड़ताल जैसी गतिविधि में शामिल होना पूर्णत: अवैध एवं दण्डनीय है। सरकारी चिकित्सा सेवाओं से जुड़ा कोई भी चिकित्सक व कार्मिकों को ऐसा करने के लिए उकसाएगा तो रेस्मा एक्ट के प्रावधाना में उसकी बिना किसी वारंट के गिरफ्तारी की जाएगी। कलक्टर ने तो यहां तक कहा कि आमजन को भी कोई सरकारी चिकित्सक दिखाई दे तो वे उनको सूचना दे सकते हैं पुलिस भेज कर वे उसको गिरफ्तार कराएंगे। चिकित्सकों को मरीजों के हितों पर कुठाराघात करना उचित नहीं है।
– नरेश कुमार शर्मा, जिला कलक्टर दौसा देखते ही गिरफ्तार किया जाएगा
रेस्मा एक्ट के तहत अस्पतालों में काम पर नहीं आने वाले चिकित्सकों की गिरफ्तारी के लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दे दिए हैं। कई जगह दबिश भी दी जा रही है। चिकित्सकों की कॉल डिटेल भी निकलवाई जाएगी।
– योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक दौसा