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पर्यटन स्थल आभानेरी में देशी-विदेशी पावणों के प्रवेश पर लगेगा शुल्क

locationदौसाPublished: May 14, 2019 07:39:13 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

तैयारियों को दिया अंतिम रूप

abhaneri

पर्यटन स्थल आभानेरी में देशी-विदेशी पावणों के प्रवेश पर लगेगा शुल्क

बांदीकुई. देश एवं विदेश के मानचित्र पर पहचान बना चुके पर्यटन स्थल आभानेरी में अब देशी-विदेशी पावणो को चांदबावड़ी देखने के लिए शुल्क देना होगा। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। बताया जा रहा है कि बुधवार से टिकट योजना लागू हो जाएगी। इसके लिए फिलहाल अस्थाई टिकट खिड़की संचालित की जाएगी। इसके बाद बाहर स्थाई रूप से टिकट खिड़की का भी निर्माण किया जाएगा। इसमें विदेशी सैलानियों से नकद राशि लेने पर 300 रुपए एवं ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर 250 रुपए शुल्क तय किया गया है। जबकि देशी सैलानी के नगद राशि देने पर 25 एवं कैशलैस टिकट लेने पर 20 रुपए शुल्क देना होगा। इसके लिए टिकट से जुड़ी तय की गई राशि का होर्डिंग भी पर्यटन स्थल पर लगा दिया गया है। जबकि भानगढ़ में सोमवार को टिकट लागू कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक पर्यटन स्थल पर प्रतिदिन 250 से 300 विदेशी सैलानी भ्रमण पर आते हैं। ऐसे में टिकट चालू होने से राजस्व में काफी इजाफा होगा। इससे पर्यटन स्थल के विकास पर भी पंख लग सकेंगे। सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 10 सुरक्ष गार्ड भी तैनात किए जाएंगे। वहीं सैलानियों के लिए शुद्ध पानी के लिए आरओ की भी व्यवस्था की जा रही है। वहीं दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर की भी व्यवस्था की गई है। जो कि व्हील चेयर के जरिये चांदबावड़ी का अवलोकन कर सके। इसके लिए प्रवेश एवं निकास के लिए एक ही द्वार संचालित किया जा रहा है।
पर्यटन स्थल के इतिहास से जुड़ी भी किताबें मुहैया कराई जाएगी। शौचालयों एवं सुलभ कॉम्पलेक्स का भी निर्माण कराकर सैलानियों की सुविधाओं में इजाफा होगा। गौरतलब है कि चांदबावड़ी पर कई हॉलीवुड एवं वॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। यहां इंग्लैण्ड, अफ्रीका, चीन, जापान, आस्ट्रेलिया सहित कई देशों के सैलानी आते हैं। जो कि आठवीं सदी की नक्काशीदार पत्थरों से बनी प्राचीन मूर्तियां एवं बावड़ी को देखते हैं।

श्रद्धालुओं के लिए अलग से दरवाजा


चांदबावड़ी परिसर में मंदिर बना हुआ है। जो कि क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र है। ऐसे में स्थानीय लोगों को पूजा-अर्चना के लिए एक गेट बनाया गया है। जिसमें होकर बाहर से ही श्रद्धालु आकर पूजा-अर्चना कर एक तरफ से आवाजाही कर सकें। इससे विदेशी सैलानियों को भी परेशानी नहीं होगी।

पार्किंग में है जगह की कमी


पर्यटन स्थल पर पार्किंग में जगह की कमी अखर रही है। क्योंकि पार्किंग का क्षेत्रफल कम है और वाहनों की आवाजाही अधिक रहती है। ऐसे में वाहनों को सड़क किनारे खड़ा करना पड़ता है। इससे आवागमन अवरुद्ध होने से लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है। ऐसे में आस-पास पार्किंग की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए। (ए.सं.)
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