जिलेभर में सुबह से ही आकाश में रंग-बिरंगी पतंगे उडऩे लग गई। आकाश पतंगों के कारण रंग बिरंगा दिखाई दे रहा था। लोगों ने मकानों की छतों पर ही डेक मशीनें लगा ली। पतंग उड़ाने के साथ ही युवा छतों पर फिल्मी गानों की धुनों पर झूम रहे थे। पतंग उड़ाते समय मकानों पर छतों पर युवा छोटे बच्चों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे थे।
हालांकि कई बार हवा धीरे चलने से पतंग उड़ाने वालों में मायूसी छाई। यहां लालसोट रोड पर पूनम टॉकिज के पास भी व्यापारियों ने लंगर लगाकर लोगों को भोजन खिलाया। कई मंदिरों में पतंगों की झांकी सजाई गई। बसों व ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ नजर आई।
गलियों में भागे ‘लुटेरे’
पतंग उड़ाने वालों से कम आनंद पतंग लूटने वाले भी नहीं ले रहे थे। लुटेरों की नजर पतंग उड़ाने वालों पर नहीं, बल्कि पतंगों के पेच पर रही। ज्यों ही पतंग कटता एक साथ कई लुटेरे भागते। कई बालक हाथों में कंटीली लकड़ी लेकर भाग रहे थे।
बाजारों में रही भीड़
मकर संक्रांति पर सुबह से ही बाजारों में पतंग-मांझा खरीदने वाले युवकों की भीड़ लगी रही। इधर पर्व पर व्यंजन बनाने के लिए सामान खरीदने वालों की भी भीड़ रही। बांदीकुई. क्षेत्र में मकर संक्रांति पर्व पर लोगों ने दान-पुण्य किया। वहीं भाण्डेड़ा रोड स्थित गौशाला में गायों को हरा चारा एवं गुड़ खिलाया। शहर के पीडब्ल्यूडी तिराहा, एसबीबीजे बैंक के सामने, स्टेशन पर लोगों को पंगत लगाकर भोजन कराया गया। गरीब व असहाय लोगों को वस्त्र वितरित किए गए। महिलाओं ने व्रत रखकर तिल के लड्डू एवं कपड़े दान किए। लोगों ने बाजार में कांच की गोलियां खेलकर एवं पतंग उड़ाकर मकर सक्रांति पर्व मनाया। (ए.सं.)
लालसोट. मकर संक्रान्ति पर शहर में दिनभर ‘वो कांटा’ का शोर गूंजता रहा। सुबह से ही युवा एवं बच्चे छतों पर पतंग उड़ाने के लिए पहुंच गए। लोगों ने छतों पर डेक चलाकर पतंगबाजी का आनंद लिया। घरों में चूरमा-बाटी एवं तिल के पकवान बनाए गए। लोगों ने दानपुण्य भी किया। गायों को हरा चारा डाला गया तथा गरीबों को वस्त्र बांटे।