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टिड्डियों के लगातार हमले से किसानों में हडक़म्प

locationदौसाPublished: May 26, 2020 08:34:27 pm

Submitted by:

gaurav khandelwal

Farmers strike due to continuous attack of locusts- छह दिन में चौथी बार दौसा पहुंचा टिड्डी दल

टिड्डियों के लगातार हमले से किसानों में हडक़म्प

टिड्डियों के लगातार हमले से किसानों में हडक़म्प

दौसा. जिले में पिछले छह दिन में टिड्डियों का चौथा दल प्रवेश कर गया, इनमें से तीन दलों ने तो विभिन्न स्थानों पर पड़ाव भी डाल दिया। सोमवार रात करीब 3 किलोमीटर चौड़े व 6 किलोमीटर लम्बे दल ने दौसा व जयपुर जिले के सीमावर्ती गांव कोटापट्टी, मोहनपुरा आदि में पड़ाव डाला। यहां पर अधिकांश टिड्डियों पेड़ों की शाखाओं पर बैठी। खेतों में हरा चारा व सब्जी की फसल थी, उनमें काफी नुकसान हो गया। उल्लेखनीय है कि जिले में 20 मई को आलूदा-छारेड़ा, 23 मई को सूरजपुरा व 25 को कोटापट्टी आदि गांवों में डेरा डाल चुकी है। लगातार टिड्डियों के हमले से किसानों में हडक़म्प मचा हुआ है।
Farmers strike due to continuous attack of locusts

रातभर चला ऑपरेशन
लवाण. लवाण थाना इलाके के कोटापट्टी व अन्य गांव व जयपुर जिले के मोहनपुरा गांव में सोमवार को रात को टिड्डियों के दल ने डेरा डाला दिया। टिड्डियों के आने से किसानों व कृषि विभाग में हडक़म्प मच गया। ग्रामीणों ने छतों व खेतों में शंख, ढोलक, माइक, पीपे, परात और अन्य संसाधनों से शोर कर टिड्डियों को भगाया। कृषि विभाग की टीमों ने इनको नियंत्रण करने के लिए रातभर करीब 9 घंटे तक अभियान चलाया। इमें करीब 40 प्रतिशत टिड्डी तो मारी गई। शेष ने दल बना कर उड़ान भरकर कानपुरा, लाहड़ीकाबास , आलूदा की ढाणियों, डागोलाई होती हुई सिकराय इलाके के कई गांवों के ऊपर होकर करौली जिले की सीमा में प्रवेश कर गई। वहीं कई छोटे दल गांवों में अब भी घूम रहे हैं।

टिड्डी नियन्त्रण के लिए संयुक्त निदेशक जयपुर सम्भाग रामलाल मीणा के निर्देशन में जयपुर व दौसा के कृषि अधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारी मौके पर शाम को ही पहुंच गए। टिड्डियों को भगाने का ऑपरेशन रात 12 बजे से शुरू किया गया। दवा छिडकऩे के लिए 30 ट्रैक्टर, 15पावर स्प्रे गाडी, 10 फायर बिग्रेड व अन्य 10 गाडिय़ों का उपयोग किया गया।

पेड़ों की टहनियां टूट गई
टिड्डियां पेड़ों की छाल तक को चट कर गई, वहीं कोटापट्टी में पेड़ों की टहनियां भी टूट गई। मोहनपुरा में पशुओं के चारे के लिए बाजरे कि फसल को भी चट करने का प्रयास किया, लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। रातभर अधिकारी गश्त कर दवा का छिडक़ाव करते रहे। अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी देशों से टिड्डियां प्रवेश कर रही हैं, जो नागौर, जयपुर, दौसा, करौली और सवाईमाधोपुर होते हुए मध्यप्रदेश की ओर निकल रही हैं।

केन्द्रीय टिड्डी नियन्त्रण दल के निदेशक बनवारी लाल मीणा ने बताया कि ये कजाकिस्तान और पाकिस्तान से आई हैं। वहां खाने के लिए कुछ नहीं मिलने पर उडकऱ भारत में प्रवेश कर गई। इस समय फसल के नहीं होने से अधिक नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह भी एक तरह की आपदा ही है। इस दौरान तहसीलदार भानूश्री, कृषि विभाग के सहायक निदेशक श्रीकांत अग्निहोत्री, कृषि सहायक उपनिदेशक अनिल शर्मा, कृषि अधिकारी अशोक मीना, पटवारी राकेश शर्मा, विकास अधिकारी हरकेश मीणा, प्रहलाद फाटक्या, सहायक कृषि अधिकारी रामजीलाल शर्मा, सहायक निदेशक उद्यान बद्रीनारायण मीणा, सुरज्ञान गुर्जर, उप निदेशक भंवर लाल शर्मा, श्रवण मीणा, तेजाराम मीणा, ग्राम विकास अधिकारी रामवतार मीणा आदि थे।
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