70 किलोमीटर का लगता है फेर
सरकार हर वर्ष दौसा मण्डी में गेहूं खरीद केन्द्र खोलती थी, लेकिन दो वर्ष से लवाण में केन्द्र खोल दिया है। लवाण कस्बा दौसा जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर है। ऐसे में यदि कोई किसान अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचना चाहता हो तो उसको दौसा की बजाय लवाण जाना पड़े। ऐसे में किसान को अपना गेहूं बेचने पर जितना फायदा मिले वह उसका किराए में ही खर्च हो जाएगा।
सरकार हर वर्ष दौसा मण्डी में गेहूं खरीद केन्द्र खोलती थी, लेकिन दो वर्ष से लवाण में केन्द्र खोल दिया है। लवाण कस्बा दौसा जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर है। ऐसे में यदि कोई किसान अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचना चाहता हो तो उसको दौसा की बजाय लवाण जाना पड़े। ऐसे में किसान को अपना गेहूं बेचने पर जितना फायदा मिले वह उसका किराए में ही खर्च हो जाएगा।
दौसा से लवाण की दोनों ओर की दूरी 70 किलोमीटर पड़ जाती है। ऐसे में उसको अपने गांव से दौसा लाने में जितना भाड़ा लगता है, उससे दो गुना उसको लवाण ले जाने में लग जाता है। यदि किसी किसान को भाण्डारेज, खवारावजी या उनके आसपास के गांवों से गेहूं बेचने लवाण जाना है तो उसको इससे भी अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। ऐसे में दौसा व उसके आस-पास के गांवों के व्यापारियों या फिर दौसा मण्डी में ही अपना गेहूं बेचना पड़ रहा है।
मात्र तीन ही केन्द्र खोले हैं
जिले में पहले छह समर्थन मूल्य गेहूं खरीद केन्द्र खोले जाते थे, लेकिन इस बार तो जिले में मात्र तीन ही केन्द्र खोले गए हैं। इनमें दौसा में लवाण, बांदीकुई व लालसोट में ही समर्थन मूल्य गेहूं केन्द्र खोले गए हैं।
जिले में पहले छह समर्थन मूल्य गेहूं खरीद केन्द्र खोले जाते थे, लेकिन इस बार तो जिले में मात्र तीन ही केन्द्र खोले गए हैं। इनमें दौसा में लवाण, बांदीकुई व लालसोट में ही समर्थन मूल्य गेहूं केन्द्र खोले गए हैं।
महुवा-सिकराय में नहीं है केन्द्र
जिले में महुवा व सिकराय में गेहूं खरीद केन्द्र नहीं होने से वहां के किसानों को गांवों या फिर कृषि उपज मण्डियों में ही अपना जिंस बेचना पड़ रहा है। महुवा व सिकराय इलाकों के किसानों को अपनी जिंस को यदि समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर बेचना हो तो उनको या तो बांदीकुई लेकर आना पड़ता है। महुवा व सिकराय के गांवों की दूरी बांदीकुई से अधिक पड़ती है। जबकि महुवा व सिकराय में भी सेंटर होने चाहिए थे।
सरसों चने की खरीद ने भी नहीं पकड़ी गति
सरकार समर्थन मूल्य पर चने व सरसों की भी खरीद कर रही है, लेकिन सरसों व चने की खरीद भी गति नहीं पकड़ पाई है। जो किसान सरसों व चने की जिंस समर्थन मूल्य पर बेच रहे हैं उनको भी कई दिनों में भुगतान मिल पा रहा है। ऐसे में किसान मुंह मोड़ रहे हैं।
फैक्ट फाइल
सरसों-चने के खरीद केन्द्र
1. दौसा
2. लालसोट
3. बांदीकुई
4. महुवा
5. मण्डावरी
6. मण्डावर गेहूं खरीद केन्द
1. लवाण
2. लालसोट
3. बांदीकुई समर्थन मूल्य पर जिंस के भाव प्रति क्विंटल
1. गेहूं- 1840
2. सरसों – 4200
3. चने का भाव- 4620
सरसों-चने के खरीद केन्द्र
1. दौसा
2. लालसोट
3. बांदीकुई
4. महुवा
5. मण्डावरी
6. मण्डावर गेहूं खरीद केन्द
1. लवाण
2. लालसोट
3. बांदीकुई समर्थन मूल्य पर जिंस के भाव प्रति क्विंटल
1. गेहूं- 1840
2. सरसों – 4200
3. चने का भाव- 4620
एक अप्रेल से ही शुरू हो गई खरीद
सरसों व चने की खरीद तो पहले से ही चल रही थी। गेहूं की खरीद 1 अप्रेल से शुरू हो गई। किसान गेहंू ही नहीं ला रहे हैं। लालसोट में जरूर 200 कट्टे गेहूं आया है।
– सुरेन्द्र कुमार शर्मा, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति दौसा
सरसों व चने की खरीद तो पहले से ही चल रही थी। गेहूं की खरीद 1 अप्रेल से शुरू हो गई। किसान गेहंू ही नहीं ला रहे हैं। लालसोट में जरूर 200 कट्टे गेहूं आया है।
– सुरेन्द्र कुमार शर्मा, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति दौसा