इस तरह हो रही थी गड़बड़
पोर्टल पर हैकर्सकिसी भी संस्था की आईडी से फर्जी छात्रों के आवेदन भर देते थे। हैकर्स इतने मास्टरमाइंड थे कि संस्था के निर्धारित मोबाइल नंबर पर आने वाली ओटीपी को भी हैक कर लेते थे। दौसा में भी इस तरह का एक मामला सामने आया था। एक इंजीनियरिंग कॉलेज से विभाग के पास 52 आवेदन आ गए। इससे अल्पसंख्यक विभाग को आशंका हो गई कि इनती संख्या में अल्पसंख्यक छात्र एक कॉलेज में कैसे हो सकते हैं।
अब इस तरह पंजीकरण
शिक्षण संस्था द्वारा नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर लॉग-इन करने के बाद होमपेज पर प्रदर्शित अनुसार रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा। इसके बाद रेफरेंस आईडी मिलेगी तथा फॉर्म का प्रिंट निकालकर प्रमाणित कर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को जमा कराना होगा। जिला नोडल अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद शिक्षण संस्था को पोर्टल पर एक्टिवेट कर दिया जाएगा।
मात्र 300 ही पंजीकृत
मेरिट कम मिन्स स्कॉलरशिप व पोस्ट व प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप के आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है, लेकिन अभी तक करीब 300 संस्थाओं ने ही पुन: पंजीकरण कराकर आवेदन किया है। खास बात यह हैकि पूर्व के पंजीकरण निष्क्रिय करने से पहले 2400 संस्थाएं पंजीकृत थी। अब संस्थाओं की संख्या अचानक कम होने से सवाल उठने लगे हैं। हालांकि अधिकारियों की माने तो अल्पसंख्यक विभाग के अलावा अन्य विभागों की योजनाओं के आवेदन जब भरे जाएंगे तो संस्थाओं का पंजीकरण भी बढ़ेगा।
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए राजकीय व गैर राजकीय मान्यता प्राप्त संस्था के कक्षा 11,12, एकवर्षीय पॉलीटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, बीएसटीसी, जीएनएम, बीएड, एमएड, एएनएम, स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थीआवेदन कर सकते हैं। पारिवारिक वार्षिक आय 2 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं मेरिट कम मिन्स स्कॉलरशिप के लिए तकनीकी व व्यावसायिक पाठ्यक्रम के विद्यार्थीपात्र होते हैं तथा आय सीमा 2.50 लाख निर्धारित हैं।
बलवीरसिंह गुर्जर, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, दौसा