जल संसाधन विभाग के अनुसार जिले में पिछले 24 घंटे में रामगढ़ पचवारा में 60 तो सिकराय में 55 एमएम बारिश हुई है। वहीं राहुवास में 47, दौसा में 41, सैंथल सागर पर 32, रेडिया में 23, बांदीकुई में 6, महुवा में 5, लालसोट में 20, लालसोट तहसील में 24, सिकराय तहसील में 49, लवाण में 35 व नांगलराजावतान में 38 एमएम बारिश दर्ज की गई। रविवार रात को मूसलाधार बारिश से किसानों के खेतों में पानी भर गया था। वहीं रास्तों में भी कई जगह पानी भरने से लोगों का आवागमन बाधित हो गया था। सोमवार को सुबह से ही दिनभर रिमझिम फुहारों का दौर चलता रहा।
वंचित इलाकों में हुई बुवाई जिले में दो दिन पहले तक 62 फीसदी कृषि भूमि में ही खरीफ की बुवाई हुई थी। बाजरे की 1 लाख 55 हजार हैक्टेयर बुवाई योग्य भूमि में से 1 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो सकी थी। अब दो दिन से हो रही बारिश से जिन इलाकों में किसान बुवाई से वंचित थे, उन खेतों में सोमवार सुबह से ही बुवाई का काम चल रहा था। यानि अब कृषि योग्य भूमि में शत प्रतिशत बुवाई हो जाएगी।
अभी बांधों में नहीं आया पानी
जल संसाधन विभाग के अनुसार जिले में 39 बांधों में से अभी किसी भी बांध में पानी नहीं आया। पानी बहाव के रास्तों पर अतिक्रमण होने से अभी तक कैचमेंट एरिया का पानी बांधों में पेटे तक नहीं पहुंच पा रहा है। हालांकि लालसोट के मोरेल बांध में पहले जो पानी था, उतना ही पानी अभी भी है।
सफाई नहीं होने से फैली गंदगी जिला मुख्यालय पर नगरपरिषद की तरफ से शहर में सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लग गए हैं। नालों में पानी का अच्छी तरह से बहाव नहीं होने से सड़कों से ही पानी बहा। ऐसे में पानी बहाव के बाद अब गली-मोहल्लों की सड़कों पर कचरा ही कचरा नजर आ रहा है।
बारिश से शादियों में आया व्यवधान जिले में बारिश से रविवार रात शादी आयोजिकों को परेशानी हुई। पूरी रात रिमझिम तो कभी तेज बारिश होने से पाण्डाल में पानी जमा हो गया। बारातियों को ठीक ढंग से खाना भी नहीं खिला पाए। सजावट भी खराब हो गई। वहीं 20 जुलाई को देवशयनी के आखिरी सावे पर होने वाली शादियों के आयोजक भी चिंतित हैं।
रातभर गरजते रहे बादल जिले में शनिवार रात को आकाश में काले बादलों की घटा छाई रही। पूरी रात बिजली चमकती रही और बादलों से गरजने की आवाज आती रही। पिछले दिनों कई जगह बिजली गिरने की घटनाओं के बाद लोग अब गर्जना होने पर भयभीत हो जाते हैं।