उल्लेखनीय है कि 2 अप्रेल की शाम पुजारी की मौत हो गई थी तथा 3 अप्रेल से महुवा में डॉ. किरोड़ी के नेतृत्व में थाने के बाहर शव रखकर धरना दिया गया। आंदोलनकारियों का आरोप है कि जमीन षडय़ंत्रपूर्वक हथियाने के बाद पुजारी की सदमे से मौत हुई। इसके बाद मंदिर माफी की जमीनों पर कब्जे सहित कई मुद्दे धरने में शामिल होते गए। 8 अप्रेल को पुलिस ने लाठी भांजकर महुवा से धरना खत्म करा दिया, लेकिन इससे पहले ही पुलिस-प्रशासन को चकमा देकर डॉ. किरोड़ी शव को जयपुर ले गए थे। इसके बाद से धरना जयपुर में जारी रहा। रविवार को राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल व डॉ. किरोड़ी के नेतृत्व में भाजपा व ब्राह्मण संगठनों के नेताओं के बीच बनी सहमति के बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर शाम को महुवा लाया गया।
शवयात्रा टिकरी मोड नेशनल हाइवे स्थित मृतक पुजारी की 2 बीघा जमीन में पहुंची। जहां पुजारी का अंतिम संस्कार किया गया। पुजारी को मुखाग्नि उसके भांजे गजानंद ने दी। इस दौरान जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, ज्ञानदेव आहूजा, राजेन्द्र मीना, विजयशंकर बोहरा, हरदेव पावटा, महाराज सिंह खेड़ला, अभिषेक सांथा, गजानंद शर्मा ,सतीश नौरंगपुरा, राजेंद्र पलानहेड़ा, हेमेंद्र तिवारी, लोकेश तिवारी, राजवीर सिंह, रोशन टहलडी, नटवर ठेकड़ा, गुड्डा ठेकड़ा, अशोक सरपंच गगवाना, अभयशंकर शर्मा, राजेश एडवोकेट, प्रहलाद महेश्वरा, रितेश पारीक, सुरेश घोषी सहित सर्वसमाज के लोग मौजूद थे।
तैनात रहे अधिकारी
पुजारी की शव यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता, एसटीएफ व क्यूआरटी की कंपनी तैनात रही। आईजी हवासिंह घुमरिया, जिला कलक्टर पीयुष समारिया, पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सहित जिले के कई सीओ व थानाधिकारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। मौजूद थी। जिला कलक्टर ने जयपुर जाकर समझौता वार्ता में अहम रोल निभाया। देर शाम अंतिम संस्कार के बाद भीड़ के घर लौटने पर पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली।