जिले में जल संसाधन विभाग ने 17 स्थानों पर वर्षामापी यंत्र लगा रखे हैं। इनमें 9 सितम्बर तक रेडिया में 662, बांदीकुई 355, सिकराय 568, महुवा 455, मोरेल 724, राहुवास 698, लालसोट 725, सैंथल सागर 450, बसवा 404 तथा दौसा में 675 एमएम बारिश हुई। इसी प्रकार तहसील मुख्यालयों पर लगे वर्षामापी यंत्रों में दौसा 826, महुवा में 576, लालसोट 665, सिकराय 628, रामगढ़ पचवारा 838 व लवाण में 619 एमएम बारिश दर्ज की गई।
जिले में वैसे तो सभी जगह अ’छी बारिश हुई है, लेकिन आंकड़ों के आधार पर देखें तो रामगढ़पचवारा अव्वल रहा और बांदीकुई फिसड्डी रहा। रामगढ़ पचवारा में 838 एमएम बारिश हो चुकी है।दूसरे स्थान पर कलक्ट्रेट दौसा स्थित तहसील भवन पर लगे वर्षामापी यंत्री में 826 एमएम बारिश दर्ज की गई है। सबसे कम बारिश बांदीकुई में मात्र 355 एमएम बारिश ही दर्ज हुई है।
जिले में पांच वर्ष के बारिश के आंकड़े पर नजर डालें तो वर्ष 2016 में सर्वाधिक बारिश लवाण में 1232 एमएम दर्ज की गई थी। जबकि उसी वर्ष राहुवास बांध पर 1033 व लालसोट में 1015 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। इस तरह सर्वाधिक बारिश लवाण के नाम है, वहीं सबसे कम बारिश का रिकॉर्ड भी लवाण के नाम ही है। यहां वर्ष 2015 व 2017 में 186 व 186 एमएम बारिश ही हुई।
वर्ष औसत बारिश (एमएम)
2008 778
2009 346.20
2010 689.80
2011 721.30
2012 769.30
2013 652.50
2014 596.75
2015 324.13
2016 814.19
2017 324.31
2018 594.50 Finally the average rainfall figures have been exceeded