पीएमओ डॉ. सीएल मीना ने बताया कि जिला चिकित्सालय परिसर स्थित मातृ एवं शिशु इकाई में जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं एवं एक से पांच वर्ष तक के बच्चों को उपचार के लिए नि:शुल्क पर्ची की व्यवस्था है। इसके बावजूद नि:शुल्क पर्ची की एवज में भी 10 रुपए वसूलने की शिकायत मिल रही थी। इस पर औचक निरीक्षण कर रिकार्ड की जांच की गई तो मिलान के दौरान करीब 280 रुपए का अंतर मिला है।
इस दौरान कांउटर पर मिले संविदा कर्मचारी (कम्पयूटर ऑपरेटर) को हटाने एवं रिकवरी के लिए संबंधित एनजीओ को लिखा जाएगा। गौरतलब है कि चिकित्सा विभाग की ओर से सरकारी अस्पतालों में सीनियर सीटीजन समेत कई श्रेणियों के लिए नि:शुल्क पर्ची की सुविधा है। इसके बावजूद जागरुकता के अभाव में कई बार सीधे-साधे मरीजों से शुल्क वसूल लिया जाता है। (ग्रामीण)