scriptफसलों पर जमी ओस की बूदें, शीतलहर से बढ़ी सर्दी | Frozen dew drops on crops, winter increased due to cold wave | Patrika News

फसलों पर जमी ओस की बूदें, शीतलहर से बढ़ी सर्दी

locationदौसाPublished: Jan 19, 2022 10:07:41 am

Submitted by:

Rajendra Jain

सरसों व मैथी में चेपा रोग

फसलों पर जमी ओस की बूदें, शीतलहर से बढ़ी सर्दी

फसलों पर जमी ओस की बूदें, शीतलहर से बढ़ी सर्दी

दौसा/बांदीकुई. तेज सर्दी के बीच शीतलहर के तेवर बरकरार हैं। क्षेत्र के कई खेतों में सरसों व गेहूं.की फसलों पर ओस की बूंदें दिखाई दी। जो कि कृषि विशेषज्ञों के अनुसार फसल के लिए एक अमृत के समान है। उन्होंने बताया कि बीते दिनों से चल रही शीतलहर ने जरूर किसानों की ङ्क्षचता को बढ़ाया हैं। समय से पूर्व बुवाई की गई सरसों व गेहूं की फसल को हल्का नुकसान पहुंचा हैं। पाला पडऩे की स्थिति में किसानों को खेत के चारों ओर धुंआ करना चाहिए। जिससे पाले के चलते फसलों को नुकसान पहुंचने से बचाव किया जा सके।
नमी के चलते बढ़ा चेपा कीट का खतरा
कृषि पर्यवेक्षक महाराज ङ्क्षसह के अनुसार नमी होने के बीच सरसों की फसल में चेपा कीट का प्रकोप बढऩ़े की संभावना होती है। यह सरसों की फलियों को सीधा नुकसान पहुंचाता हैं। इसमे फली के अंदर दाने की उपज कम हो जाती हैं। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचता हैं।
चेपा कीट 2 मि.मी. लम्बे, अंडाकार, सलेटी या हरे रंग के जैतून कीट हैं। जो कि तेजी से प्रजनन करके तेजी से पनपते हैं। और पौधे के कोमल भाग से रस चूसकर उसे नुकसान पहुंचाते हैं।
ये करें उपाय…….
कृषि पर्यवेक्षक महाराज ङ्क्षसह ने बताया कि नमी के दौरान चेपा कीट पनपने के चलते यह सरसों की फसल को खासा नुकसान पहुंचाता है। इसको लेकर किसानों को मैलाथियान 50 ई.सी. ( 1.25 लीटर प्रति हैक्टेयर) या फिर डाईमिथोएट 30 ई.सी. ( 875 मि.ली. प्रति हैक्टेयर या एसीफेट 75 एस.पी. ( 700 ग्राम प्रति हैक्टेयर) की दर से छिड़काव करें। जिससे इस रोग से फसल को राहत मिल सके।
कोहरा हटने के बाद ही मिली सर्दी से राहत
लालसोट . क्षेत्र में कड़ाके की शीत लहर व कोहरे का प्रकोप बना रहा। मंगलवार तड़के से ही पूरे क्षेत्र में घना कोहरा छाया रहा। कोहरे के साथ गलन भरी शीतलहर का भी खासा असर बना रहा। गांवों के साथ शहरी क्षेत्र में भी कोहरे के दौरान ओस गिरने से सर्दी का प्रकोप और अधिक नजर आया।सुबह 11 बजे बाद शहरी क्षेत्र में कोहरा हटने के बाद धूप खिलने के बाद ही सर्दी से थोड़ी राहत मिली। लगातार बढ़ रही शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए अब किसान भी अपनी फसल को लेकर चतित हो गए हैं। किसानों का कहना है इन दिनों में खेतों में सरसों की फसल भी पक रही है। पाला पडऩे पर सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो