ये करें उपाय…….
कृषि पर्यवेक्षक महाराज ङ्क्षसह ने बताया कि नमी के दौरान चेपा कीट पनपने के चलते यह सरसों की फसल को खासा नुकसान पहुंचाता है। इसको लेकर किसानों को मैलाथियान 50 ई.सी. ( 1.25 लीटर प्रति हैक्टेयर) या फिर डाईमिथोएट 30 ई.सी. ( 875 मि.ली. प्रति हैक्टेयर या एसीफेट 75 एस.पी. ( 700 ग्राम प्रति हैक्टेयर) की दर से छिड़काव करें। जिससे इस रोग से फसल को राहत मिल सके।
कृषि पर्यवेक्षक महाराज ङ्क्षसह ने बताया कि नमी के दौरान चेपा कीट पनपने के चलते यह सरसों की फसल को खासा नुकसान पहुंचाता है। इसको लेकर किसानों को मैलाथियान 50 ई.सी. ( 1.25 लीटर प्रति हैक्टेयर) या फिर डाईमिथोएट 30 ई.सी. ( 875 मि.ली. प्रति हैक्टेयर या एसीफेट 75 एस.पी. ( 700 ग्राम प्रति हैक्टेयर) की दर से छिड़काव करें। जिससे इस रोग से फसल को राहत मिल सके।
कोहरा हटने के बाद ही मिली सर्दी से राहत
लालसोट . क्षेत्र में कड़ाके की शीत लहर व कोहरे का प्रकोप बना रहा। मंगलवार तड़के से ही पूरे क्षेत्र में घना कोहरा छाया रहा। कोहरे के साथ गलन भरी शीतलहर का भी खासा असर बना रहा। गांवों के साथ शहरी क्षेत्र में भी कोहरे के दौरान ओस गिरने से सर्दी का प्रकोप और अधिक नजर आया।सुबह 11 बजे बाद शहरी क्षेत्र में कोहरा हटने के बाद धूप खिलने के बाद ही सर्दी से थोड़ी राहत मिली। लगातार बढ़ रही शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए अब किसान भी अपनी फसल को लेकर चतित हो गए हैं। किसानों का कहना है इन दिनों में खेतों में सरसों की फसल भी पक रही है। पाला पडऩे पर सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है।
लालसोट . क्षेत्र में कड़ाके की शीत लहर व कोहरे का प्रकोप बना रहा। मंगलवार तड़के से ही पूरे क्षेत्र में घना कोहरा छाया रहा। कोहरे के साथ गलन भरी शीतलहर का भी खासा असर बना रहा। गांवों के साथ शहरी क्षेत्र में भी कोहरे के दौरान ओस गिरने से सर्दी का प्रकोप और अधिक नजर आया।सुबह 11 बजे बाद शहरी क्षेत्र में कोहरा हटने के बाद धूप खिलने के बाद ही सर्दी से थोड़ी राहत मिली। लगातार बढ़ रही शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए अब किसान भी अपनी फसल को लेकर चतित हो गए हैं। किसानों का कहना है इन दिनों में खेतों में सरसों की फसल भी पक रही है। पाला पडऩे पर सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है।