7 दिसम्बर पांच बजे तक मतदान होने के बाद से ही हर मतदाता प्रत्याशियों की जीत-हार के समीकरणों के जंजाल में उलझता ही जा रहा है। मतदाता का चुनावी गणित का यह समीकरण अभी तक हल नहीं हो पा रहा है। जातिवार व क्षेत्रवार जोड़-भाग का खेल चल ही रहा है। लोग समीकरण हल करते वक्त अपने पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में ऐसा तर्क देते हैं कि हर कोई उसे सच मान लेता है।
हर सीट की अपनी गणित
जिले की हर सीट को लेकर लोगों की जुबां पर अपनी-अपनी गणित है। जिला मुख्यालय होने के कारण दौसा सीट महत्वपूर्णहै। यहां भाजपा प्रत्याशी शंकरलाल शर्मा एवं कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीना के समथकों में हर दुकान व गलियों में जीत-हार की बहस होती सुनी जा सकती है। दोनों ही प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने दावे पेश करते हैं।
महुवा विधानसभा सीट पर सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना का भतीजा राजेन्द्र मीना, संसदीय सचिव ओमप्रकाश हुड़ला, कांग्रेस के अजय बोहरा, पूर्व जिला प्रमुख अजीत सिंह व बसपा से विजयशंकर बोहरा के समर्थक इस भंवरजाल में उलझे हुए हैं कि कभी कोई किसको जिताता है तो कभी दूसरे को। बांदीकुई विधानसभा सीट का समीकरण भी रोचक हो रहा है। शहरी क्षेत्र में एक प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है तो ग्रामीण इलाकों में दूसरे की। बूथवार मतों को देखकर सबका अपना-अपना कयास है।
लालसोट सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परसादीलाल मीना एवं राÓयसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल के नजदीकी भाजपा प्रत्याशी रामबिलास मीना के बीच कांटे की टक्कर होने के कारण हार-जीत के समीकरण दिनभर चौपालों में सुनने को मिल रहे हैं। यहां के लोग जाति, गौत्र व क्षेत्रवाद का जोड़-तोड़ लगा रहे हैं।
सिकराय में भी चौपालों पर अटकलों का दौर जारी है। जिले में कई विधायक देने वाले आलूदा के बंशीवाल परिवार से जुड़े भाजपा प्रत्याशी विक्रम बंशीवाल एवं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ममता भूपेश के चुनावी हार-जीत का गणित बैठाने में लोग उलझे हुए हैं।
सोशल मीडिया पर भी हो रही है बहस
जिले की पांचों सीटों पर हार-जीत की बहस सोशल मीडिया पर भी छाई हुई है। सोशल मीडिया पर लोग टक्कर वाले प्रत्याशियों के नाम या फोटो पोस्ट कर जीत-हार पर चर्चा कर रहे हैं।
बाहर के लोग भी फोन पर ले रहे हैं रुझान
जिले के निवासी जो बाहर नौकरी या मजदूरी करते हैं, उनकी भी चुनावी परिणामों में खास रुचि देखी जा रही है। लोग अपने-अपने परिचितों के पास फोन कर जीत-हार के रुझान ले रहे हंै।
इन सीटों पर भी देखी जा रही है बहस
अथाई व चौपालों पर लोग जिले की पांचों ही विधानसभा सीटों पर ही नहीं बल्कि राÓय की अन्य खास सीटों पर भी समीकरण के जोड़-तोड़ करते देखे जा रहे हैं। खासतौर पर सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना की पत्नी गोलमा देवी की सपोटरा सीट, बस्सी, थानागाजी व राजगढ़ के अलावा, अलवर, सवाईमाधोपुर, करौली, टोंक, भरतपुर व जयपुर जिले की सीटों के लिए भी लोगों की जुबां पर दौसा जिले में चर्चा सुनी जा सकती है।