जिला अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के बाद पुलिस शव को जिला अस्पताल से अपने वाहन में मृतक के परिजनों के साथ गांव जगरामपुरा ले गई और सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया।
पुलिस अधीक्षक प्रहलाद कृष्णियां, एएसपी अनिल सिंह चौहान, मानपुर वृत्ताधिकारी सुरेश चंद ने मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का बारीकी से मुआयना किया। पुलिसकर्मियों से भी जानकारी ली। वहीं जिला अस्पताल में भी एएसपी, दौसा सीओ अकलेश शर्मा, कोतवाली थाना प्रभारी श्रीराम मीना, टीआई प्रदीप सिंह, सदरथाना प्रभारी रविन्द्र चौधरी, सिकंदरा थाने के एसआई लालसिंह समेत दर्जनों पुलिसकर्मी मौजूद थे।
हैड कांस्टेबल 16 नवम्बर को महुवा नगरपालिका चुनाव में ड्यूटी कर शाम को वह सिकंदरा लौटा था। रात को सो गया और सुबह उठ कर नित्यकर्म कर दुकान पर आराम से चाय पीकर आया थाने में आ गया। सुबह सवा 7 बजे वह मालखाने में गया और वहां सर्विस रिवाल्वर निकाली और सिर में ललाट पर उसने अपने आप को गोली मार ली। उसने किसी से कोई बात ना शिकायत की।
थाना प्रभारी ने बताया कि सुबह सवा सात बजे संतरी भारत सिंह थाने के मैन गेट पर तैनात था। इसी बीच संतरी को मालखाना कमरे में गोली चलने की आवाज आई। संतरी ने मालखाने में पहुंच कर देखा तो हैड कांस्टेबल हरिङ्क्षसह गुर्जर लहुलूहान अवस्था में पड़ा था। इस दौरान उसके सिर से खून बह रहा तथा समीप ही सर्विस रिवाल्वर पड़ी थी। संतरी ने तुरंत अन्य पुलिसकर्मियों को मौके पर बुलाया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हैड कांस्टेबल हरिङ्क्षसह का डेढ़ माह पूर्व ही लालसोट से सिकंदरा थाने में तबादला हुआ था। आने के बाद से ही हरिङ्क्षसह के पास मालखाने का चार्ज था। हरिङ्क्षसह ने डेढ़ माह में ही वर्षों से लम्बित पड़े मालाखाने के करीब सवा सौ प्रकरणों का निस्तारण किया था। हरिसिंह की कार्यशैली से उच्चाधिकारी भी प्रभावित थे।
मानपुर पुलिस वृत्ताधिकारी सुरेश मीणा ने बताया कि मृतक हैडकांस्टेबल के परिवार को मौके पर चालीस हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। लवाण थानाप्रभारी कृष्ण कुमार मीणा, सदर थाना प्रभारी रविन्द्र कुमार चौधरी, सिकन्दरा राजपाल सिंह और सैंथल थाना प्रभारी रामशरण गुर्जर व पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार कराया।
मृतक हरिसिंह के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। मृतक परिवार में सबसे छोटा था। उसके दो पुत्री व एक पुत्र है। बड़ी पुत्री 11वीं तो छोटी पुत्री 9वीं कक्षा में अध्ययनरत है। पुत्र 7 वीं कक्षा में पढ़ता है। उसके दो बड़े भाई रामहेत व रामजीलाल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है तो तीसरे नम्बर का भाई रोशन बीमार रहता है। पूरे परिवार को वही चलाता था।
मृतक के बड़े भाई रोशन ने बताया कि शनिवार शाम को फोन पर हरिसिंह ने कहा था कि ‘भाई में महुवा में चुनाव करवा के थाने पर आ गया हूं।घर पर सब राजी खुशी है ना। मंै रविवार को सुबह जल्दी ही जगरामपुरा आ रहा हूंÓ। परिजनों ने बताया कि उनको नहीं पता था कि अब उनका पार्थिव शरीर आएगा। पत्नी कमोद, बच्चों सहित अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।