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बिना खेल मैदान कैसे बनेंगे खिलाड़ी!

locationदौसाPublished: Mar 16, 2018 09:31:49 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

1100 में से 672 विद्यालयों में अभाव

dausa sports
दौसा. जिले में संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से आधे से अधिक में खेल मैदान की सुविधा नहीं है। सुविधाएं बढाने के लिए बजट भी नहीं है। ऐसे में खेल सुविधाओं से महरूम होने के कारण विद्यार्थियों का शारीरिक विकास भी नहीं हो पाता है। खेल के क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को आगे आने का मौका भी नहीं मिल पा रहा है।

जानकारी के अनुसार जिले में 1100 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हंै। इनमें 70 हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन इनमें से 672 विद्यालयोंं में तो खेल मैदान ही उपलब्ध नहीं है। 661 प्राथमिक विद्यालय में से 242 में 439 उच्च प्राथमिक विद्यालय में से 186 मेंं ही खेल मैदान उपलब्ध है। इन विद्यालयों में अध्ययनरत हजारों विद्यार्थी खेलने की सुविधा से महरूम है। खास बात यह है कि उपलब्ध मैदान भी पूरी तरह से विकसित नहीं है। इसके लिए विभाग की ओर से कई बार उच्च स्तर पर भी अवगत करा दिया गया है, लेकिन ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

नहीं मिली स्वीकृति
प्रारम्भिक शिक्षा विभाग की ओर से 201 विद्यालयों के खेल मैदान विकसित करने के लिए प्रस्ताव बनवाकर भिजवाया गया है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। ऐसे में यह मैदान भी सही तरीके से खेलने के काम नहीं आ पा रहे है।

बजट भी नहीं

विभाग की ओर से खेल मैदानों को विकसित करने के लिए अलग से भी कोई बजट नहीं आया है। ऐसे में मनरेगा, एमएलए-एमपी फण्ड एवं भामाशाहों के भरोसे ही खेल मैदान विकसित हो सकते हैं।
शारीरिक शिक्षक भी नहीं
प्राथमिक विद्यालय मेंं शारीरिक शिक्षक का कोई प्रावधान ही नहीं है। इसके अलावा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्टाफिंग पेटर्न के नियमानुसार 120 विद्यार्थियों के नामांकन वाले विद्यालयों में ही पीटीआई के पद स्वीकृत है। ऐसे में 439 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से केवल 184 में ही शारीरिक शिक्षक के पद स्वीकृत हैं।
कुल विद्यालय – 1100
खेल मैदान नहीं – 672
कुल विद्यार्थी – 70864
शारीरिक शिक्षक – 184


प्रस्ताव भिजवाएंगे
विद्यालयों में खेल मैदान उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए संस्था प्रधानों से प्रस्ताव बनाकर ग्राम पंचायत के माध्यम से भिजवाने के निर्देश भी दिए हैं।
सुरेशचन्द्र जैन, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक, दौसा

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