दौसा

चांद दिखा तो एक ही दिन होगी गणगौर पूजा और ईद की नमाज

गणगौर का पर्व 11 अप्रेल को
 

दौसाApr 04, 2024 / 09:01 pm

Rajendra Jain

र्ईसर-गणगौर पूजन के लिए जाती महिलाएं।

दौसा. हमारा देश गंगा जमुनी तहजीब के लिए माना जाता है और कई मौके ऐसे भी आते हैं, जब अलग अलग मजहब के लोग अपने अपने पर्व एक दिन ही मनाते हैं। कुछ ऐसा ही मौका इस माह नजर आ रहा है। इन दिनों रमजान के पाक महीने के साथ ही इस समय गणगौर पूजा भी चल रही है। इसके साथ ही एक अनूठा संयोग भी आगामी दिनों बन सकता है।
यदि चांद दिखा तो ईद और गणगौर का पर्व भी एक साथ 11 अप्रेल को मनाया जाएगा। इस बार 9 अप्रेल को यदि चांद दिखाई देता है तो ईद 10 अप्रेल को मनाई जाएगी। यदि चांद 10 अप्रेल को दिखता है तो ईद 11 अप्रेल को मनाई जाएगी, वहीं, गणगौर की बात की जाए तो इस बार 18 दिन गणगौर पूजन चलेगा। इसके बाद 11 अप्रेल को गणगौर का पर्व मनाया जाएगा। होलिका दहन के दूसरे दिन धुलंडी से ही गणगौर पूजा शुरू हो गई। कन्याएं श्रेष्ठ वर के लिए और सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के साथ गणगौर की पूजा कर रही हैं। 10 अप्रेल को सिंजारा पर्व मनाया जाएगा। 11 अप्रेल को गणगौर पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान सुहागिन महिलाएं और कन्याएं र्ईसर व गणगौर की पूजा-अर्चना करेंगी।
ज्योतिबा फुले जयंती भी 11 अप्रेल को

महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी 11 अप्रेल को ही मनाई जाएगी। इस मौके पर सैनी समाज द्वारा शहर में विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमे 2100 महिलाएं सिर पर कलश रखेंगी और प्रतिभा सम्मान समारोह का भी आयोजन होगा।

बाजारों में दिखने लगी रौनक

दोनों धर्मों के दो बड़े पर्व एक साथ आने का असर बाजारों में भी नजर आने लगा है। गणगौर व ईद को लेकर बाजारों में रौनक दिखार्ई देने लगी है। बाजारों में रेडीमेड कपड़ों, फुटवियर एवं सौन्दर्य सामान की दुकानों पर बीते एक दो दिनों अच्छी ग्राहकी चल निकली है। इसके अलावा बाजारों में ईसर गणगौर की प्रतिमाओं की भी ब्रिकी हो रही है और दोनों ही मजहब की महिलाएं व युवतियां अपने अपने पर्व के अनुसार चूडिय़ां समेत जरुरी सौन्दर्य सामान की खरीदारी कर रही हैं। इसके चलते मणिहारी बाजार में खासी चहल-पहल भी नजर आ रही है।

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